उतरौला(बलरामपुर) कमाने की लालच में पठन-पाठन छोड़ नाबालिग बच्चे सवारी गाड़ी दौड़ा रहे हैं,कस्बे में डग्गामार सवारियों की भरमार है ।अगल बगल पीछे पायदान पर सड़कों पर बेखौफ होकर सवारियों तथा राहगीरों की जान खतरे में डालकर फर्राटे भर रहे हैं।वहीं अब ई-रिक्शा टैम्पू पर अधिकतर वाहन चालक नाबालिग बच्चे रोजगार के तौर पर वाहन चला रहे हैं।जबकि शासनादेश के अनुसार वाहन चालक को ड्राइविंग लाइसेंस धारक होना अनिवार्य है ।लेकिन यहां तो कम उम्र के बच्चे रिक्शा टैम्पू पर बेखौफ होकर सवारियों का बोझ उठा रहे हैं।यात्री भी अपने गंतव्य तक पहुंचने की लालसा में बिना सोचे समझे जान जोखिम में डालकर यात्रा पूरी करते हैं।ऐसे में घटना दुर्घटना होना लाजमी है हो भी क्यों न कम दाम में वाहन स्वामी को बेरोजगार वाहन चालक जो मिल रहे हैं उन्हें भी अपने दैनिक कमाई से सिर्फ मतलब है किसी के जिन्दगी की परवाह नही।कस्बा उतरौला में अधिकतर ई-रिक्शा वाहन  की स्टेरिंग नाबालिग बच्चे संभाल रहे हैं।जिस पर किसी जिम्मेदार की नजर नहीं पड़ रही है।
असगर अली 
उतरौला

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