समय रहते ठोस मरम्मत नहीं कराया गया तो इस बार बाढ़ में बह सकता है राप्ती नदी के श्रृंगारजोत घाट पर बने पुल के अप्रोच मार्ग। पिछले वर्ष अक्टूबर माह आई अप्रत्याशित बाढ़ से उतरौला पचपेड़वा मार्ग स्थित राप्ती नदी पर बना श्रृंगारजोत घाट पुल का अप्रोच धंसने से बड़े वाहनों का आवागमन महीनों बंद था। दोपहिया व छोटे वाहन चालक अपनी जान जोखिम में डालकर पुल पार करते थे। बाढ़ का पानी घटने पर बाढ़ खंड व लोक निर्माण विभाग द्वारा एप्रोच मार्ग का आंशिक मरम्मत करवा कर सभी वाहनों का आवागमन बहाल कर दिया गया। बाढ़ का समय बेहद करीब आ चुका है लेकिन विभाग द्वारा अप्रोच मार्ग के फोर्स मरम्मत का कोई कार्य नहीं कराया गया। अगर इस बार भी पिछले वर्ष की तरह बाढ़ की भारी विभीषिका होती है तो पुल के दोनों तरफ के एप्रोच मार्ग बह सकते हैं। अगर एप्रोच मार्ग क्षतिग्रस्त होता है या बह जाता है तो
उतरौला से बिस्कोहर, जैतापुर, पचपेड़वा, इटवा, सिद्धार्थनगर व नेपाल जाने वाले बड़े वाहनों को पिछले वर्ष की तरह इस बार भी 80 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी। अप्रोच धंसने से सुपारी फल, सब्जी एवं अनाज का व्यापार प्रभावित होगी।
राप्ती नदी पर श्रृंगारजोत घाट पुल का निर्माण वर्ष 2007 में कराया गया था। यह रास्ता गौरा चौराहा,इटवा, सिद्धार्थनगर, गैसड़ी, पचपेड़वा व नेपाल की दूरी कम कर देता है। दिन भर में सैकड़ों ट्रकों का आवागमन इसी रास्ते से होता है। उतरौला से फल, सब्जियां, अनाज व फर्नीचर आदि सिद्धार्थनगर भेजे जाते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य प्रदेशों से आने वाले माल वाहक ट्रक भी श्रृंगारजोत घाट पुल पार करके सिद्धार्थनगर, गोरखपुर व नेपाल जाते हैं। मार्ग पर दिन रात बड़े वाहनों का आवागमन बना रहता है। गत वर्ष बाढ़ के दौरान पुल का अप्रोच धंस गया था। आवागमन बहाली में महीनों लगे थे। ग्रामीण इस बार पहले बाढ़ में ही अप्रोच धंसने की सम्भावना जता रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड को जानकारी होने के बावजूद सम्पर्क मार्ग को बचाने का कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया है।
असगर अली
उतरौला
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