हरदोई जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन खान मुबारक की मौत, निमोनिया की वजह से अस्पताल में भर्ती था छोटा राजन का गुर्गा
हरदोई जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के गुर्गे खान मुबारक की सोमवार को मौत हो गई. यह बदमाश कुख्यात गैंगस्टर जफर सुपारी का भाई और इसके खिलाफ भी हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी और अपहरण के कुल 40 मुकदमे दर्ज हैं. इस बदमाश के खिलाफ गैंगचार्ट भी बना है.

हरदोई: हरदोई जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के खास गुर्गे खान मुबारक की सोमवार को इलाज के दौरान मौत हो गई. उत्तर प्रदेश पुलिस के रिकार्ड में इस गैंगस्टर के नाम से हिस्ट्रीशीट पहले से खुली है जिसमें यह 69 A नंबर का हिस्ट्रीशीटर बताया गया है. यह बदमाश काफी समय से निमोनिया से पीड़ित था और रविवार को उसकी हालत खराब होने के बाद उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. छोटा राजन के अलावा यह बदमाश पूर्वांचल के कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार के लिए भी काम करता था.
हरदोई में डीएसपी विकास जायसवाल ने बताया कि इस गैंगस्टर के खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी, अपहरण समेत 40 से अधिक मुकदमे अलग अलग थानों में दर्ज हैं. इस बदमाश के कई अन्य साथी भी हैं. इन मुकदमों और इसके साथियों के आधार पर ही इसका गैंगचार्ट बना हुआ है. उत्तर प्रदेश पुलिस के रिकार्ड में इसका गैंगचार्ट 69 ए के नाम से दर्ज है. उन्होंने बताया कि इस बदमाश की गिरफ्तारी अंबेडकर नगर में कुछ साल पहले हुई थी, लेकिन अंबेडकर नगर की जेल से इसे पिछले साल दो जून को हरदोई की जेल में स्थानांतरित किया गया था

पुलिस सूत्रों के मुताबिक गैंगस्टर खान मुबारक अंडरवर्ल्ड डॉन जफर खान उर्फ जफर सुपारी का छोटा भाई था. जफर सुपारी पहले से छोटा राजन के लिए काम कर रहा था. उसे देखकर ही खान मुबारक ने अपराध की दुनिया में कदम रखा और जिस तेजी से इसने अपराधों को अंजाम दिया, एक बार तो लगा कि यह जफर सुपारी से भी आगे निकल जाएगा. लेकिन उन्हीं दिनों इसकी गिरफ्तारी हो गई और अपराधों पर ब्रेक पर लग गया.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक खान मुबारक आए दिन व्यापारियों और कारोबारियों से रंगदारी वसूल करता था. इसी क्रम में साल 2015 में एक शादी समारोह में उसके एक जानने वाले बाजू खान ने टिप्पणी कर दी. उसके बाद खान मुबारक ने बाजू खान को उसके घर से उठवा लिया और घोड़े हांकने वाले चाबुक से पिटाई की थी. यही नहीं, खान मुबारक ने उसके सिर पर शराब की बोतल रखकर राइफल से निशाना भी लगाया था. इस वारदात का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था. इसी घटना के बाद खान मुबारक को बोतल डॉन भी कहा जाने लगा था.

गैंगस्टर खान मुबारक का नाम पहली बार साल 2007 में प्रयागराज में हुए अबू ओसामा शूटआउट कांड में आया था. उसके बाद इसने एक साल के अंदर एक दर्जन से अधिक वारदातों को अंजाम दिया. देखते ही देखते उसकी हिस्ट्रीशीट 40 के आंकड़े को पार कर गई. इसके बाद हरकत में आई यूपी पुलिस ने उसकी तलाश में अंबेडकर नगर से लेकर प्रयागराज तक और लखनऊ से लेकर मुंबई तक तलाश शुरू कर दी. यह वही दौर था जब जफर सुपारी और खान मुबारक दोनों भाई उत्तर प्रदेश में अपनी आपराधिक जमीन तैयार कर रहे थे.

मुख्तार के लिए भी कर चुका है काम
इसके लिए इन्होंने मुख्तार अंसारी से भी हाथ मिलाया था. आखिर में साल 2015 में टाण्डा कोतवाली क्षेत्र में हुये एक गैंगवार के बाद पुलिस ने खान मुबारक का गैंग चार्ट तैयार करते हुए उसके खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की. उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, लेकिन यह बदमाश जेल में बैठकर ही अपने जरायम के धंधे को चलाने लगा था. उसके इशारे पर ही साल 2018 में बसपा नेता जुरगाम मेंहदी को गोलियों से छलनी कर दिया गया..

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