मुख्यमंत्री ने आगामी पर्वों और त्योहारों के दृष्टिगत सुदृढ़ कानून व्यवस्था तथा श्रद्धालुओं की सुविधाओं के सम्बन्ध में की जा रही तैयारियों की पुलिस कमिश्नरों, मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा की

धार्मिक परम्परा/आस्था को सम्मान दें, लेकिन परम्परा के विरुद्ध कोई कार्य न हो : मुख्यमंत्री

थाना, सर्किल, जिला, रेंज, जोन, मण्डल स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारीगण अपने-अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं, समाज के अन्य प्रतिष्ठित जनों के साथ संवाद बनाएं

हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं

कांवड़ शिविर स्थापित किए जाने के स्थान पहले से चिन्हित हों, ताकि आवागमन बाधित न हो

कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्वच्छता-सैनिटाइजेशन की व्यवस्था रहे, स्ट्रीट लाइट की सुविधा हो, मार्ग में पीने के पानी की व्यवस्था कराई जाए, सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाए जाएं

ऐसी कोई घटना न हो, जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हों, अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता से निपटा जाए

हर दिन सायंकाल पुलिस बल फुट पेट्रोलिंग जरूर करे, पी0आर0वी0-112 एक्टिव रहे

पर्व-त्योहारों के दौरान बिजली अपूर्ति सुचारु रखी जाए

स्वास्थ्य की आपातकालीन सेवाएं अलर्ट मोड में रहें

संवेदनशील प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारी लीड करें

नगरों में ई-रिक्शा के रूट तय किए जाएं, चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएं

आगामी तीन माह में सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्धनगर जिला मुख्यालय को सेफ सिटी के रूप में विकसित किया जाए

परिवहन विभाग यह सुनिश्चित करे कि सड़क पर वही वाहन चलें, जो सुरक्षित हों


लखनऊ : 27 जून, 2023


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आगामी पर्वों और त्योहारों के दृष्टिगत सुदृढ़ कानून व्यवस्था तथा श्रद्धालुओं की सुविधाओं के सम्बन्ध में की जा रही तैयारियों की पुलिस कमिश्नरों, मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों के साथ आज यहां अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने व्यापक जनहित में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में शासन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 04 जुलाई से पवित्र श्रावण मास का प्रारम्भ हो रहा है। इस वर्ष अधिमास के कारण श्रावण मास दो माह की अवधि का हो रहा है। इस अवधि में श्रावणी शिवरात्रि, नागपंचमी और रक्षाबन्धन का पर्व मनाया जाएगा। श्रावण मास में परम्परागत कांवड़ यात्रा निकलेगी। इसमें सोमवार पूजन का भी विशेष महत्व है। इससे पूर्व 29 जून को बकरीद मनायी जाएगी। स्पष्ट है कि कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है। अतः हमें सतत सतर्क-सावधान रहना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत दिनों रमजान माह और ईद के अवसर पर धार्मिक कार्यों से यातायात प्रभावित नहीं हुआ। इस प्रयास की पूरे देश में सराहना हुई है। इस बार बकरीद और मुहर्रम के मौके पर भी हमें यही व्यवस्था लागू रखनी होगी। स्थानीय प्रशासन द्वारा इस सम्बन्ध में सम्बन्धित धर्मगुरुओं/बुद्धिजीवियों से संवाद बना लिया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि बकरीद पर कुर्बानी के लिए स्थान का चिन्हांकन पहले से ही होना चाहिए। विवादित जगहों पर कुर्बानी नहीं होनी चाहिए। पूर्व में तय और चिन्हित स्थान के अतिरिक्त कहीं और कुर्बानी न हो। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी प्रतिबन्धित पशु की कुर्बानी न हो। हर जिले में कुर्बानी के उपरान्त अपशिष्ट के व्यवस्थित निस्तारण की प्रभावी कार्ययोजना होनी चाहिए। अन्यथा की स्थिति में यह अपशिष्ट बीमारी का कारक बनते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। पिछले अनुभवों के आधार पर गोताखोरों की तैनाती, कांवड़ यात्रा मार्ग पर सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाए जाएं। कांवड़ शिविर स्थापित किए जाने के स्थान पहले से चिन्हित हों, ताकि आवागमन बाधित न हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पर्व-त्योहार में प्रशासन द्वारा आमजन को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। धार्मिक परम्परा/आस्था को सम्मान दें, लेकिन परम्परा के विरुद्ध कोई कार्य न हो। आयोजकों को कार्यक्रम की अनुमति दें, लेकिन यह सुनिश्चित हो कि हर कोई नियम-कानून का पालन करेगा।  
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि धार्मिक यात्राओं/जुलूसों में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। ऐसी कोई घटना न हो, जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हों। शरारती तत्व दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं, ऐसे मामलों पर नजर रखें। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए। हर दिन सायंकाल पुलिस बल फुट पेट्रोलिंग जरूर करे। पी0आर0वी0-112 एक्टिव रहे। अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता से निपटा जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रामीण हो या कि शहरी क्षेत्र, पर्व-त्योहारों के दौरान बिजली अपूर्ति सुचारु रखी जाए। कहीं से भी अनावश्यक कटौती की शिकायत न आए। इसकी नियमित समीक्षा की जाए। कांवड़ यात्रा के मार्ग पर जर्जर बिजली के खम्भे, झूलते-लटकते बिजली के तार आदि प्रबन्धन समय से कर लिया जाए, ताकि श्रद्धालुओं को समस्या न हो, किसी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति न आए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस आदि की खरीद-बिक्री न हो। यात्रा मार्ग पर स्वच्छता-सैनिटाइजेशन की व्यवस्था रहे। स्ट्रीट लाइट की सुविधा हो। गर्मी तेज है, ऐसे में मार्ग में पीने के पानी की व्यवस्था भी कराई जाए। जहां खाद्य शिविर लगें, वहां खाद्य सामग्री गुणवत्ता की टीम जांच जरूर करे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वास्थ्य की आपातकालीन सेवाएं अलर्ट मोड में रहें। बरसात का मौसम प्रारम्भ हो चुका है, ऐसे में सभी जिलों में एण्टी वेनम व एण्टी रैबीज के इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धता रहे। कांवड़ यात्रा मार्ग पर जगह-जगह हेल्थ पोस्ट स्थापित किए जाएं। परिवहन विभाग यह सुनिश्चित करे कि सड़क पर वही वाहन चलें, जो सुरक्षित हों।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत वर्ष श्रावण मास में लगभग 01 करोड़ श्रद्धालुओं ने श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर में दर्शन-पूजन का लाभ प्राप्त किया था। हर सोमवार को 06-07 लाख लोगों ने दर्शन किया था। इस वर्ष अधिमास के कारण श्रावण मास की अवधि दो माह की है। ऐसे में श्रद्धालुओं की संख्या में और बढ़ोत्तरी सम्भावित है। श्रावण मास में पूरे देश से श्रद्धालुजन के आगमन की सम्भावना है। वाराणसी के साथ-साथ अयोध्या और सीतापुर में भी स्थानीय प्रशासन, मन्दिर प्रशासन के साथ समन्वय बनाते हुए व्यवस्थित कार्ययोजना बनाएं। प्रबन्धन ऐसा हो कि किसी भी श्रद्धालु को असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि थाना, सर्किल, जिला, रेंज, जोन, मण्डल स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारीगण अपने-अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं, समाज के अन्य प्रतिष्ठित जनों के साथ संवाद बनाएं। लोगों के लिए सकारात्मक संदेश जारी कराएं। पीस कमेटी की बैठक कर लें। मीडिया का सहयोग लें, ताकि शांति और सौहार्द का माहौल बना रहे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कावंड़ यात्रा आस्था के उत्साह का आयोजन है। परम्परागत रूप से नृत्य, गीत, संगीत इसका हिस्सा रहे हैं। यह सुनिश्चित करें कि डीजे, गीत-संगीत आदि की आवाज निर्धारित मानकों के अनुरूप ही हो।
त्वरित कार्यवाही और संवाद-सम्पर्क अप्रिय घटनाओं को सम्भालने में सहायक होती है। ऐसे में किसी भी अप्रिय घटना की सूचना पर बिना विलम्ब किए, जिलाधिकारी/पुलिस अधीक्षक खुद मौके पर पहुंचे। संवेदनशील प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारी लीड करें। बीट स्कीम लागू करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अवैध वाहन स्टैण्ड को तत्काल समाप्त किया जाए। सभी नगरों में सुगम ट्रैफिक की कार्ययोजना लागू करें। नगरों में ई-रिक्शा का रूट तय किया जाए। इनके लिए चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हाल के समय में देश के कई हिस्सों में अवैध धर्मांतरण की घटनाएं प्रकाश में आर्यी हैं। गाजियाबाद में ऑनलाइन गेमिंग/चैटिंग ऐप के माध्यम से किशोर बच्चों के धर्मांतरण की घटना से हम परिचित हैं। एक स्थान पर मूक-बघिर बच्चे को अवैध धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया गया। सूचना मिलते ही तत्काल कार्यवाही हुई और एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश हो सका। ऐसी एण्टी सोशल और एण्टी नेशनल घटनाओं को समय रहते नियंत्रित किया जाना बहुत आवश्यक है। आज की एक छोटी सी लापरवाही भविष्य के लिए बड़ा कैंसर बन सकती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अवैध धर्मांतरण की कार्रवाई एक बड़े अन्तरराष्ट्रीय सिण्डीकेट द्वारा किए जाने की पुष्टि हो रही है। महत्वपूर्ण यह भी कि सिण्डीकेट द्वारा पूर्व में धर्मांतरित व्यक्तियों को प्रशिक्षित करके उनके द्वारा अवैध धर्मांतरण का कार्य श्रृंखलाबद्ध रूप से कराया जा रहा है। दिव्यांग बच्चे, नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं पर इस सिण्डीकेट की विशेष नजर रहती है। आर्थिक प्रलोभन भी दिया जा रहा है। अवैध धर्मांतरण के इस पूरे सिण्डीकेट का सफाया किया जाना आवश्यक है। सभी जिलों में इससे सम्बन्धित हर छोटी से छोटी सूचना को पूरी गम्भीरता से लिया जाए। प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ कठोर कानून लागू है। ऐसी हर गतिविधि के खिलाफ तत्परता से कार्रवाई की जाए। अपराध और अपराधियों की बदलती प्रकृति को देखते हुए हर जिले के हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क क्रियाशील रहे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के संकल्प की पूर्ति में ‘सेफ सिटी परियोजना’ अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हो रही है। आगामी तीन माह के भीतर हमें सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्धनगर जिला मुख्यालय को सेफ सिटी के रूप में विकसित करना होगा। अगले चरण में सभी जिला मुख्यालय के सभी नगरीय निकायों को सेफ सिटी बनाया जाएगा। स्मार्ट सिटी परियोजना अन्तर्गत स्थापित इण्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेण्ट सिस्टम से शहरों की सुरक्षा व्यवस्था स्मार्ट हुई है। अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबन्धन करते हुए सभी शहरों को ‘सेफ सिटी’ के रूप में विकसित किया जाए।

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