माफिया मुख्तार अंसारी अब सलाखों से बाहर नहीं आ पाएगा। बांदा जेल में कैद मुख्तार अंसारी को पहली बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। इससे पहले उसे अधिकतम 10 साल की सजा मिली थी। बीते आठ महीने 15 दिन में उसे छह मुकदमों में सजा सुनाई जा चुकी है। पुलिस अफसरों का कहना है कि अदालत में अभियोजन की प्रभावी पैरवी और वादी व साक्षियों के दृढ़ संकल्प की बदौलत ही मुख्तार अंसारी को सजा मिल रही है। ्गाजीपुर जिले के यूसुफपुर निवासी माफिया मुख्तार अंसारी की हिस्ट्रीशीट मुहम्मदाबाद थाने में 25 मार्च 1996 को खोली गई थी।मुख्तार को अब तक इन अदालतों ने सुनाई सजा
-5 फरवरी 2003 को मुख्तार को नई दिल्ली की अदालत ने 10 वर्ष की सजा और 5.50 लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया था। यह मुकदमा वर्ष 1993 में नई दिल्ली के कालकाजी मार्ग थाने में आयुध और टाडा अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था।
- मुख्तार अंसारी को धमकाने सहित अन्य आरोपों में दर्ज मुकदमे में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 21 सितंबर 2022 को सात साल के कठोर कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। यह मुकदमा लखनऊ के आलमबाग थाने में वर्ष 2003 में दर्ज किया गया था।
-5 फरवरी 2003 को मुख्तार को नई दिल्ली की अदालत ने 10 वर्ष की सजा और 5.50 लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया था। यह मुकदमा वर्ष 1993 में नई दिल्ली के कालकाजी मार्ग थाने में आयुध और टाडा अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था।
- मुख्तार अंसारी को धमकाने सहित अन्य आरोपों में दर्ज मुकदमे में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 21 सितंबर 2022 को सात साल के कठोर कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। यह मुकदमा लखनऊ के आलमबाग थाने में वर्ष 2003 में दर्ज किया गया था।
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