जौनपुर। मुंह और गले के कैंसर का शुरुआती स्टेज में पता चल जाये तो इलाज सम्भव- डा अर्चित कपूर

मुंह में घाव, आवाज़ बदलना, गले में गाठ के लक्षण को न ले हलके में- डा अर्चित कपूर

लायन्स क्लब जौनपुर द्वारा निशुल्क कैंसर जांच व जागरुकता मासिक क्लिनिक की शुरुआत

कैंसर से पीड़ित मरीज़ के साथ उसका परिवार भी आर्थिक व मानसिक रूप से परेशान होता है इसलिए तम्बाकू का सेवन न करें- डा अर्चित कपूर

जौनपुर।लायन्स क्लब जौनपुर मेन द्वारा निशुल्क कैंसर जांच, परामर्श व जागरुकता मासिक क्लिनिक की शुरुआत डॉ अजीत कपूर के नर्सिंग होम रासमण्डल चौक पर शुरू किया गया है। आज लगभग 52 मरीजों की जांच व कुछ की एंडोस्कोपी जांच किया गया। 

संस्थाध्यक्ष संदीप गुप्ता ने आए हुए लोगों का स्वागत किया। इस अवसर पर हेड & नेक कैंसर सर्जन/ ऑन्कोलाजी (मुंह नाक गला, घेघा थायराइड कैंसर रोग विशेषज्ञ) डॉ अर्चित कपूर ने मरीज़ों की जांच किया। इस अवसर पर डा अर्चित कपूर ने जागरुक करते हुए विस्तार से बताया कि कैंसर एक बहुत ही गंभीर और घातक बीमारी है। उसमें भी मुॅंह और गले का कैंसर विशेष रूप से बहुत ही ज्यादा हानिकारक है। जिसके लक्षण मुंह में किसी तरह का घाव, आवाज का परिवर्तन, चबाने और निगलने में कठिनाई, पानी पीने में गला दर्द होना, गले में गांठ, नाक या मुंह में रक्तस्राव, दर्द या सुन्नता, मुंह खोलने में कठिनाई, चेहरे, गर्दन या कान में दर्द आदि। यदि इनमें से कोई लक्षण दो सप्ताह से अधिक समय तक देखते हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से तुरन्त मिलें और तत्काल स्वास्थ्य जांच के लिए जाएं। ये कैंसर उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है, जो तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट और अत्यधिक शराब का सेवन करते हैं। पान, सुपारी के सेवन से मुंह में छाले पनपते है, जब यह बार बार होने लगे तो यह कैंसर का जन्म दे सकता है। एक अन्य जोखिम कारक एचपीवी के साथ एक संक्रमण है जो गले के कैंसर के खतरे को बढ़ाता है। डॉ अर्चित कपूर ने कहा कि कैंसर से पीड़ित मरीज के साथ उसका पूरा परिवार भी आर्थिक व मानसिक रुप से परेशान होता है इसलिए तम्बाकू का सेवन न करें और जिन्दगी चुने। आगे डॉ अर्चित कपूर ने कहा कि यदि शुरुआती स्टेज में पता चल जाये तो इसका इलाज सम्भव है। यदि पहली और दूसरी ट्रेन में ही आपको या बीमारी पकड़ में आ जाती है तो 70 से 80% लोगों का उपचार इस स्टेज में सफल हो पाता है। परंतु आप यदि तीसरी और चौथी स्टेज में चले जाते हैं तो 40 से 50% लोगों का ही उपचार सफल हो पाता है। किसी मामले में व्यक्ति चौथी स्टेज के भी आगे निकल जाता है जिसमें इस कैंसर का उपचार लगभग असंभव सा हो जाता है। इसलिए हेड एंड नेक कैंसर होने के लक्षण दिखाई दे तो लापरवाही ना करे तुरंत चिकित्सक की सलाह ले। 
चार्टर सचिव अरुण त्रिपाठी ने कहा कि कैंसर के रोगीयों में बढोत्तरी हो रही है और जौनपुर में कोई इस रोग का चिकित्सक उपलब्ध नहीं था। डॉ अर्चित कपूर लखनऊ से जौनपुर हर रविवार को आते हैं और मरीज़ देखते हैं, लेकिन लायन्स क्लब जौनपुर द्वारा ग़रीब मरीजों के लिए हर माह के अन्तिम रविवार को समय प्रातः 9 बजे से 11 बजे तक निशुल्क मरीजों की जांच व परामर्श दिया जायेगा। इस अवसर पर डॉ अजीत कपूर, सैय्यद मोहम्मद मुस्तफा,  सचिव राजीव श्रीवास्तव, डा मदन मोहन वर्मा, सोमेश्वर केसरवानी आदि उपस्थित रहे।

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