उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार द्वारा आज ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ का शुभारम्भ किया गया है। प्रदेश सरकार ‘मातृभूमि योजना’ को अभी ग्राम सभा में लागू कर रही है। इस योजना को शहरी क्षेत्र में भी लागू करने की तैयारी करनी चाहिए। ‘मातृभूमि योजना’ को हर शहर में लागू करें। ‘मातृभूमि योजना’ को पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी होनी चाहिए। मातृभूमि योजना अपनी मातृभूमि के प्रति लोगों के कर्तव्यों के निर्वहन का माध्यम बनेगी। ‘माता भूमि पुत्रोहं पृथिव्या’ अर्थात धरती हमारी माता है और हम इसके पुत्र हैं। अपनी मातृभूमि के प्रति प्रत्येक मनुष्य के मन में श्रद्धा व सम्मान का भाव होना चाहिए। हमारे प्रवासी भारतीयों के मन में अपनी मातृभूमि के प्रति श्रद्धा, लगाव व सम्मान का भाव है। आवश्यकता इस भाव को जोड़ने और उनके विश्वास को अर्जित करने की है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ के शुभारम्भ तथा ‘मुख्यमंत्री ग्राम पंचायत प्रोत्साहन योजना’ के पुरस्कार वितरण एवं ‘राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान’ के अन्तर्गत ग्राम पंचायत सचिवों के लैपटॉप वितरण कार्यक्रम के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ‘अपि स्वर्णमयी लंका न मे रोचति लक्ष्मण, जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ अर्थात माता और मातृभूमि स्वर्ग से भी महान हैं। उत्तर प्रदेश के लोग देश व दुनिया में कहीं भी रहें, उनको उनकी जड़ों से जोड़ने का कार्य किया जाए।
मातृभूमि योजना में उत्तर प्रदेश के सभी मूल निवासी जो वर्तमान में देश या दुनिया में कहीं भी रह रहे हों और अपने गांव या क्षेत्र का विकास करने में सक्षम तथा इच्छुक हों सहभागी बन सकते हैं। इस योजना के अन्तर्गत लोगों को विकास कार्य/परियोजना की 60 प्रतिशत धनराशि उपलब्ध करानी होगी तथा जमीन व लागत की 40 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी। सम्बन्धित विकास कार्य की शिलापट्टिका में दानदाता अपने पूर्वजों के सम्मान स्वरूप नामकरण कर सकेंगे। मुख्यमंत्री जी ने पंचायती राज विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि विभाग विकास कार्यां के लिए अपने पोर्टल का बेहतर उपयोग करे और एक ऐसी व्यवस्था बनाये, जिससे मातृभूमि योजना में पारदर्शी तरीके से कार्य हों और प्राप्त धनराशि की पाई-पाई का हिसाब हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व लोगों को मालूम था कि धन भेजेंगे तो लोग धनराशि का बंदरबांट करने लग जाएंगे। इसलिए धन भेजने का कोई मतलब नहीं। पहले कोई प्लेटफॉर्म नहीं था। प्रदेश सरकार ने ‘मातृभूमि योजना’ के रूप में एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया है। राज्य सरकार द्वारा इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। इस धनराशि को आने वाले समय में आवश्यकतानुसार बढ़ाया जाएगा, जिससे सभी ग्राम पंचायतों में लोगों की भागीदारी से विकास कार्य सम्पन्न हो सकेंगे। प्रदेश की सभी 58 हजार ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने लोगों को उनकी मातृभूमि से जोड़ें। हाल ही में सम्पन्न यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के रोड शो के दौरान प्रदेश के प्रतिनिधिमण्डल द्वारा 05 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव अकेले कैलिफोर्निया (यू0एस0ए0) से प्राप्त हुए थे। हमें अपने लोगों को प्रदेश के विकास से जोड़ना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम के दौरान कैलिफोर्निया (यू0एस0ए0) में रह रहे प्रदेश के दो प्रवासी भारतीयों-श्री संजीव राजौरिया व श्री विवेक चौधरी से ‘मातृभूमि योजना’ के सम्बन्ध में संवाद किया। दोनों प्रवासी भारतीयों ने मातृभूमि योजना से जोड़कर अपने गांव में विकास कार्यां में भागीदारी की बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य के सुदूर गांवों में टेली कंसल्टेशन के साथ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। प्रदेश सरकार शीघ्र ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में हेल्थ ए0टी0एम0 लगाने जा रही है। लोगों की सहभागिता से ग्राम सचिवालयों में हेल्थ ए0टी0एम0 लगाये जाएं। राज्य सरकार ने प्रदेश के 01 लाख 35 हजार से अधिक परिषदीय विद्यालयों में मिशन कायाकल्प के माध्यम से इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार अपने स्तर से विकास कार्यां को सम्पन्न कर रही है। साथ ही, विकास कार्यां में अपने सक्षम एवं सामर्थ्यवान लोगों को भी शामिल करें। हमारे प्रवासी भारतीय गांवों के विभिन्न विकास कार्यां जैसे-खेल के मैदान का निर्माण, ओपेन जिम का निर्माण, प्राथमिक विद्यालयों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, गरीब विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करने, कन्वेंशन सेण्टर/बारात घर के निर्माण, हेल्थ ए0टी0एम0 लगाने इत्यादि कार्यां में सहयोग कर सकते हैं। हर ग्राम पंचायत इन कार्यां को आगे बढ़ाने के लिए तैयारी करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों को स्मार्ट व आत्मनिर्भर ग्राम पंचायत बनाने की दिशा में कार्य किये जाएं। विकास कार्यां को लेकर ग्राम पंचायतों में आपस में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करायी जाए तथा इसके बाद गांव और शहरों के मध्य भी विकास कार्यां को लेकर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा प्रदेश सरकार कराएगी। हमारी सभी ग्राम पंचायतें व नगर साफ-सुथरे हों। गांव-गांव में नालियां बनायी गयी हैं। नालियों में कूड़ा एकत्र न हो। कूड़े का व्यवस्थित रूप से निस्तारण किया जाए। बरसात से पूर्व आगामी 15 जून तक सभी नाले व नालियों की साफ-सफाई सुनिश्चित कर ली जाए। बेहतर साफ-सफाई से बीमारियां नियंत्रित रहती हैं। विकास कार्यां को लेकर धन की कमी नहीं है। सभी ग्राम पंचायतें विकास कार्य ईमानदारी के साथ तय समय में आगे बढ़ाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार प्रदेश में 17 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित कर रही है। इसी प्रकार, ग्राम पंचायतों को अनेक योजनाओं के माध्यम से स्मार्ट ग्राम पंचायत के रूप में विकसित किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का कार्य, अच्छी सड़कों का निर्माण, जल निकासी की बेहतर व्यवस्था, एल0ई0डी0 स्ट्रीट लाइट, ग्राम सचिवालयों का निर्माण, ग्राम सचिवालयों में कम्प्यूटर ऑपरेटर व बी0सी0 सखी की तैनाती, हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने जैसे विभिन्न कार्य संचालित किये जा रहे हैं। स्वच्छता, टेक्नोलॉजी व विकास कार्यां के लिए आज प्रदेश की 370 ग्राम पंचायतों को मुख्यमंत्री ग्राम पंचायत पुरस्कार प्रदान किये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश का हर गांव स्मार्ट बने और फिर आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करे। ग्राम पंचायतों के संसाधनों का उपयोग इस प्रकार किया जाए कि ग्राम पंचायत अपने संसाधनों से समग्र विकास को गति प्रदान कर सके और जनसुविधाओं को लागू कर सके। इस प्रकार ग्राम पंचायतों को स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य करना होगा। सरकार द्वारा हर घर नल योजना के माध्यम से घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। ग्राम पंचायतें यूजर चार्ज के माध्यम से हर घर नल योजना के प्रबन्धन एवं जल संरक्षण का कार्य करें। शुद्ध पेयजल जल जनित बीमारियों से बचाव का एक सशक्त माध्यम है।
ग्राम सचिवालयों में कम्प्यूटर ऑपरेटर के माध्यम से आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र तथा खसरा, खतौनी की नकल देने जैसे कार्य संचालित हो रहे हैं, जिससे ग्राम पंचायतें आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं। इस धनराशि का उपयोग कम्प्यूटर ऑपरेटर के मानदेय जैसे विभिन्न कार्यां में किया जा रहा है। इस प्रकार ग्राम पंचायतें आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकती हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के ई-गवर्नेंस के लक्ष्य को पूरा करने के लिए आज इस कार्यक्रम के माध्यम से राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत प्रदेश के 3,145 ग्राम पंचायत सचिवों को लैपटॉप वितरित कर ग्राम पंचायतों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने का कार्य किया गया है। अब लैपटॉप के माध्यम से ग्राम पंचायत से जुड़े कार्य व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ सकेंगे। तकनीक भ्रष्टाचार पर सबसे बड़ा प्रहार है, लेकिन तकनीक का दुरुपयोग न हो।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में सर्वात्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाली 10 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों को वर्ष 2022-23 का मुख्यमंत्री ग्राम पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया। साथ ही, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत 10 ग्राम पंचायत सचिवों को लैपटॉप वितरित किये।
उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के आह्वान और मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर सभी ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवरों का निर्माण कराया गया है। आगामी 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अमृत सरोवरों के किनारे ग्राम सभा के लोग कार्यक्रम आयोजित करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में स्थापित किया जा सकता है। राज्य सरकार इस दिशा में प्रयासरत है। ग्राम प्रधान यह सुनिश्चित करें कि गांव के सभी पात्र व्यक्तियों को विकास योजनाओं का लाभ प्राप्त हो। विभिन्न विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी लोगों को बिना भेदभाव के प्राप्त हो रहा है।
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना जी ने कहा कि विगत 06 वर्षां में उत्तर प्रदेश के प्रति लोगों का दृष्टिकोण और सोच सकारात्मक हुई है। उत्तर प्रदेश देश और दुनिया में मॉडल स्टेट के रूप में उभर रहा है। मातृभूमि योजना से जुड़कर प्रवासी भारतीयों को अपने घर, गांव व क्षेत्र से जुड़ने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री जी द्वारा ग्राम स्वराज को साकार करने के लिए अनेक कदम उठाये गये हैं। सभी के सहयोग से गांव के समग्र विकास के कार्य को आगे बढ़ाया जाए।
इस अवसर पर ग्राम्य विकास राज्य मंत्री श्रीमती विजय लक्ष्मी गौतम, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, निदेशक पंचायतीराज श्री प्रमोद कुमार उपाध्याय, ग्राम पंचायतों के प्रधान एवं ग्राम पंचायत सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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