उतरौला(बलरामपुर) नगर निकाय चुनाव के परिणाम को देखकर चाहे जो पार्टी अपनी पीठ थपथपाए लेकिन इस चुनाव में निर्दल प्रत्याशियों ने पार्टीगत प्रत्याशियों को टक्कर देते हुए अपनी ताकत का एहसास कराया है।नगर पालिका अध्यक्ष पद पर भले ही कोई निर्दलीय प्रत्याशी न जीता हो लेकिन निर्दलों ने सभासद की 25सीटों में से 5पर कब्जा जमाया है।इनमें से कई प्रत्याशी ऐसे भी हैं जिन्होंने किसी न किसी पार्टी का दरवाजा खटखटाया लेकिन उन्होंने उन्हें टिकट देना मुनासिब नहीं समझा। इसके बाद इन प्रत्याशियों ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी किस्मत आजमाई और जीत का सेहरा अपने सिर पर बांधा।नगरीय निकाय चुनाव क्षेत्रीय होने के कारण यहां पर तमाम प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे जो पार्टीगत प्रत्याशियों पर काफी भारी पड़े।इन निर्दल प्रत्याशियों के सामने पार्टियों की सारी चुनावी गणित फेल हो गई और इनके सामने करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।यह माना भी जाता है कि पंचायत चुनाव व नगरीय निकाय चुनाव में पार्टियों की अपेक्षा लोग क्षेत्र में रहने वाले अच्छी छवि के निर्दलीय प्रत्याशियों को ज्यादा तरजीह देते हैं और इसके चलते वह दलगत राजनीति को भूलकर निर्दलीय प्रत्याशियों को ही वोट करते हैं।निर्दलीय प्रत्याशियों की क्षेत्र में यह पकड़ राजनीतिक पार्टियों का समीकरण बिगाड़ने में सफल हो जाती हे। इस बार नगर की संसद में जहां नये चेहरों ने दस्तक दी वहीं कई दिग्गज को पटखनी भी खानी पड़ी है।सभासदी चुनाव में दलों के साथ साथ निर्दलीयों ने भी अपना परचम लहराया है।
नगर निकाय चुनाव में सभासद पद पर भाजपा के 12,समाजवादी पार्टी के 7,कांग्रेस पार्टी के 02, निर्दलीय 5 सभासदों ने जीत हासिल की है।इस चुनाव में बसपा ने अपना खाता तक नही खोल पाया है।
असगर अली
उतरौला
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