वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में दुर्लभ पांडुलिपियों और ग्रंथों के प्रकाशन में करोड़ों रुपये के गबन के एक और आरोपी को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया है। इसी मामले में पिछले माह दो दो प्रिंटिंग प्रेस संचालक पकड़े जा चुके हैं। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। सत्र 2000-01 और 2009-10 के बीच शासन ने संस्कृत विश्वविद्यालय को 10 करोड़ 20 लाख 22 हजार रुपये का अनुदान दुर्लभ पांडुलिपियों एवं ग्रंथों के मुद्रण और प्रकाशन के नाम पर दिया था। विश्वविद्यालय के प्रकाशन संस्थान के तत्कालीन निदेशक ने वित्त विभाग के अधिकारियों, प्रिंटिंग प्रेस संचालकों से मिलीभगत कर 5.68 करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान दिखाकर गबन कर लिया।ईओडब्ल्यू की जांच के दौरान पता चला कि  प्रकाशन विभाग की ओर सेमात्र 3.67 करोड़ रुपये का मुद्रण और प्रकाशन कराया गया। इस संबंध में दिसंबर 2014 में ईओडब्ल्यू ने चेतगंज थाने में 11 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर साजिशन सरकारी धन गबन का  केस दर्ज कराया था।इस प्रकरण में फरार चल रहे आरोपी रमेश कुमार पटेल पुत्र देवनारायण पटेल निवासी मीरापुर बसही को रविवार रात ईओडब्लू वाराणसी के निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा व उनकी टीम ने गिरफ्तार किया। दो प्रेस संचालकों की गिरफ्तारी पिछले माह की जा चुकी है। 

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