मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में फार्मास्युटिकल सेक्टर के विकास की सम्भावनाओं पर विचार-विमर्श किया
फार्मा सेक्टर में शोध-अनुसंधान को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता, इसके लिए प्रदेश में एक नवीन संस्थान की स्थापना की जाए : मुख्यमंत्री
फार्मास्युटिकल रिसर्च एण्ड इनोवेशन इंस्टीट्यूट के स्वरूप के सम्बन्ध में विस्तृत कार्ययोजना तथा सेक्टर विशेषज्ञों का पैनल तैयार किया जाए
फार्मास्युटिकल सेक्टर की भविष्य की जरूरतों का आकलन कर दुनिया भर के बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन करते हुए आगामी 15 दिनों के भीतर विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए
फार्मास्युटिकल रिसर्च एण्ड इनोवेशन इंस्टीट्यूट के लिए राजधानी लखनऊ में उपयुक्त भूमि चिन्हित की जाए
यह संस्थान राष्ट्रीय फलक पर उ0प्र0 को फार्मास्युटिकल शोध-अनुसंधान और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में नई पहचान दिलाने वाला होगा
यह संस्थान मूलतः शोध और नवाचार पर केन्द्रित होगा, साथ ही सेक्टर से सम्बन्धित अन्य संस्थानों व इण्डस्ट्री के बीच सेतु का काम करेगा
देश में फार्मा मैन्युफैक्चरिंग में प्रदेश का योगदान 2 प्रतिशत, जिसे 10-12 प्रतिशत तक पहुंचाने के प्रयास किए जाने चाहिए
फार्मास्युटिकल सेक्टर में विकास की बड़ी सम्भावनाएं, उ0प्र0 को इन सम्भावनाओं का लाभ उठाना चाहिए
दवा निर्माण के साथ-साथ शोध-अनुसंधान पर भी फोकस करना होगा
लखनऊ : 17 मई, 2023
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में फार्मास्युटिकल सेक्टर के विकास की सम्भावनाओं पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि फार्मा सेक्टर में शोध-अनुसंधान को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इसके लिए प्रदेश में एक नवीन संस्थान की स्थापना की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दवा उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए हमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संस्थानों, रिसर्च लैब और इण्डस्ट्री, तीनों क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ऐसे में फार्मास्युटिकल रिसर्च एण्ड इनोवेशन इंस्टीट्यूट की स्थापना की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि फार्मास्युटिकल रिसर्च एण्ड इनोवेशन इंस्टीट्यूट के स्वरूप के सम्बन्ध में विस्तृत कार्ययोजना तथा सेक्टर विशेषज्ञों का पैनल तैयार किया जाए। फार्मास्युटिकल सेक्टर की भविष्य की जरूरतों का आकलन कर दुनिया भर के बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन करते हुए आगामी 15 दिनों के भीतर विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि फार्मास्युटिकल रिसर्च एण्ड इनोवेशन इंस्टीट्यूट के लिए राजधानी लखनऊ में उपयुक्त भूमि चिन्हित की जाए। यह संस्थान राष्ट्रीय फलक पर उत्तर प्रदेश को फार्मास्युटिकल शोध-अनुसंधान और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में नई पहचान दिलाने वाला होगा। यह संस्थान मूलतः शोध और नवाचार पर केन्द्रित होगा, साथ ही सेक्टर से सम्बन्धित अन्य संस्थानों व इण्डस्ट्री के बीच सेतु का काम करेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि फार्मा मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों की संख्या में उत्तर प्रदेश देश का 6वां सबसे बड़ा राज्य है। अब हमारा लक्ष्य देश में अग्रणी राज्य बनने का है। देश में फार्मा मैन्युफैक्चरिंग में प्रदेश का योगदान 2 प्रतिशत है, जिसे 10-12 प्रतिशत तक पहुंचाने के प्रयास किए जाने चाहिए। फार्मास्युटिकल सेक्टर में विकास की बड़ी सम्भावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश को इन सम्भावनाओं का लाभ उठाना चाहिए। दवा निर्माण के साथ-साथ हमें शोध-अनुसंधान पर भी फोकस करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में आई0आई0टी0आर0, सी0डी0आर0आई0, सी0मैप और एन0बी0आर0आई0 जैसे उच्चस्तरीय शोध संस्थान क्रियाशील हैं। साथ ही, एस0जी0पी0जी0आई0, के0जी0एम0यू0 जैसे अकादमिक संस्थान भी हैं। नियोजित प्रयासों से बीते कुछ वर्षों में लखनऊ बायोफार्मा हब के रूप में उभर कर आया है। फार्मास्युटिकल सेक्टर के लिए ए0के0टी0यू0 व अन्य प्राविधिक शिक्षण संस्थान मानव संसाधन उपलब्ध कराने में सक्षम हैं। प्रदेश में फार्मा पार्क निर्माण की कार्यवाही चल रही है। मेडिकल डिवाइस पार्क का भी निर्माण किया जाना है। इन संसाधनों का बेहतर लाभ उठाना होगा।
इस अवसर पर सलाहकार मुख्यमंत्री श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव वित्त डॉ0 प्रशान्त त्रिवेदी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री आलोक कुमार, प्रमुख सचिव नियोजन श्री आलोक कुमार, सचिव मुख्यमंत्री श्री अमित कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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