उतरौला(बलरामपुर) तहसील क्षेत्र मे झोलाछाप डॉक्टर व बंगाली डॉक्टरों की दुकानें सजी हुई हैं, वहीं इस श्रेणी में क‌ई नर्सिंग क्लीनिक भी बिना रजिस्ट्रेशन के धड़ल्ले से चल रहे हैं।जिनकी संख्या लगभग एक दर्जन से भी ज्यादा हैं लेकिन कार्यवाही के नाम पर महज एक आध पर कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपाने में जुटे है स्वास्थ महकमा जब कि सैकड़ो की संख्या में झोलाछाप डाक्टर खुले आम  चौराहे ,गलियों व ग्रामीण क्षेत्र के छोटे छोटे हॉट बाजारों में अपनी दुकानें सजाए  हुए हैं।इनका रसूख इतना है कि इन पर हाथ डालने से पहले इनको जानकारी हो जाती है और यह क्लीनिक बंद करके फरार हो जाते हैं।आखिर किसकी शाह पर यह अवैध कारोबार चलाया जा रहा है यह भी एक यक्ष प्रश्न है। मुद्दा तभी उठता है जब कोई मरीज झोलाछाप डाक्टर से असमय काल के गाल में समा जाता है,जांच होती है काफी हो हल्ला होता है।इसके बाद जांच ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है।यह झोला छाप बड़े बड़े  नामी गिरामी हास्पिटलों के नाम से होर्डिंग्स बोर्ड लगाकर इन मौत के सौदागरों की दुकाने सजी रहती है।इनकी योग्यता के विषय में जानकारी की जाए तो जूनियर हाई स्कूल से लेकर इनकी शिक्षा इंटर पास तक ही होती है।तहसील क्षेत्र के महुआ बाजार,हासिमपारा,गैंडा़स बुजुर्ग,हुसेनाबाद बाजार,जाफराबाद,पेहर बाजार रेहरा बाजार ,चमरूपुर,बाजार आदि स्थानों पर शिफा क्लीनिक के नाम से तो कहीं बंगाली क्लीनिक तथा अमुक अमुक नामों से खुले यह क्लीनिक लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।

असगर अली
बलरामपुर

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने