पत्रकारों को सुरक्षा व सम्मान का नारा देने वाली सरकार में सरकार के कार्यक्रम में ही नहीं जारी होता मीडिया कार्ड।
अयोध्या। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में जहां एक तरफ पत्रकारों की सुरक्षा व सम्मान का दावा बड़े जोर शोर से किया जाता है वहीं पर उसी प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में चलने वाली अयोध्या के पत्रकारों को उनके किसी कार्यक्रम में सुरक्षा के नाम पर पत्रकारों को सूचना विभाग द्वारा मीडिया कार्ड न जारी कर , उनको कवरेज से रोकने का कर्तव्य भरपूर तरीके से निभाया जाता है ।
बताते चलें दो-तीन दिन पहले नगर के मध्य जीआईसी ग्राउंड में मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित चुनावी सभा में कार्यक्रम के 1 दिन पूर्व जहां पत्रकारों से किसी भी विशेष मीडिया कार्ड जारी न होने का वादा और दावा किया गया था अगले ही दिन कार्यक्रम के दिन अपने कुछ चाहेते  मीडिया वालों को गुपचुप तरीके से कार्ड बांट कर उनको अभिभूत करते हुए अन्य मीडिया कर्मियों को यह कहके रोक दिया गया कि कार्ड खत्म हो गया है, जिलाधिकारी के सीयूजी नंबर पर जब मेरे द्वारा कार्ड न मिलने के संबंध में बात की गई जिलाधिकारी के पीआरओ द्वारा फोन उठाया गया और बताया गया कार्यक्रम को कवर करने के लिए पत्रकारों को जिलाधिकारी की तरफ से किसी भी विशेष प्रकार के मीडिया कार्ड निर्गत ना होने के आदेश हैं, मतलब अपने प्रेस कार्ड के माध्यम से किसी भी मीडिया कर्मी को कार्यक्रम में उपस्थित होने की छूट है,तो वहीं दूसरी तरफ इंटेलिजेंस यूनिट से बात करने पर पता चला इंटेलिजेंस यूनिट के द्वारा बताया गया सूचना विभाग से जारी कार्यक्रम को कवर करने के लिए विशेष कार्ड जारी किया गया है बिना उस कार्ड की इंटेलिजेंस यूनिट की तरफ से किसी भी पत्रकार को कार्यक्रम में एंट्री नहीं दी जाएगी कहना चाहते हैं जनपद के तीन प्रमुख स्तंभों के द्वारा तीन तरह के विरोधाभास की सूचनाएं पत्रकारों को प्रेषित की गई कई प्रमुख पत्रकारों को कार्यक्रम में एंट्री नहीं मिली जबकि कुछ पत्रकार जो कि सूचना विभाग की सेवा किया करते हैं मौके मौके पर कार्ड प्राप्त कर और अपने चहेतों को गलत तरीके से कार्ड दिलवा कर गौरव का अनुभव कर रहे हैं ।
सूचना है कल अयोध्या में संत समाज से मिलने का मुख्यमंत्री का कार्यक्रम है और फिर सूचना विभाग के द्वारा एक सूचना चलाई गई है की सुरक्षा के नाम पर किसी भी पत्रकार को कार्यक्रम के कवर करने की छूट नहीं है मतलब पत्रकारों की एंट्री फिर बंद है प्रायोजित तरीके से एक जैसे बड़े माफिया की हत्या प्रेस वार्ता के नाम पर कुछ दोयम दर्जे की माफियाओं के द्वारा करवाई गई और तभी से पत्रकारों की इंट्री सरकार के किसी कार्यक्रम में खासतौर से अयोध्या में भी बंद कर दी गई,क्या सबसे अधिक सुरक्षा में सेंध लगाने का कार्य पत्रकारों के द्वारा ही होता है ? किसी भी संस्थान के बड़े रजिस्टर्ड पत्रकारों का लेखा जोखा क्या सूचना विभाग व जिलाधिकारी सहित जिले की पुलिस कप्तान के पास मौजूद नहीं है और यदि नहीं है जिला अधिकारी पुलिस कप्तान व सूचना विभाग जैसे बड़े तंत्र को फेल मानकर मुख्यमंत्री को कुछ ना कुछ करने की आवश्यकता है ।
चौथे स्तंभ की गरिमा के रूप में गौरवान्वित होने वाले पत्रकारों का इस प्रकार से तिरस्कार क्या सरकार के कार्यक्रम में उनकी अनुपस्थिति से पत्रकारों के साथ साथ सरकार की गरिमा को ठेस नहीं पहुंचेगी, एक बड़ा सवाल आम जनमानस के समक्ष कृपया इस मामले को मुख्यमंत्री को सीधे संज्ञान में लेकर सुरक्षा के नाम पर चौथे स्तंभ का अपमान करने वाले जिले के ऐसे आला अधिकारियों व सूचना विभाग पर निश्चित कार्यवाही करनी चाहिए
आखिर पत्रकारों को सरकारी खबर कवर करने से क्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोकने का प्रयास नहीं है, आखिर क्यों इतना डर पत्रकारों से?

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