जौनपुर। 21वीं सदी की चुनौतियां एवं युवाओं का कौशल विकास चौपाल का आयोजन

आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद है कौशल विकास: कुलपति

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कौशल विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र में मंगलवार को वाई 20 के अंतर्गत “21वीं सदी की चुनौतियां एवं युवाओं का कौशल विकास” विषय पर वाई 20 चैपाल का आयोजन किया गया। 

इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय की ट्रैक चेयर वाई 20 डॉ. अदिति नारायणी पासवान ने छात्रों को वाई 20 के उद्देश्यों व थीम के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत युवाओं को कौशल विकास से जुड़ने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। व्यक्ति और देश के विकास के लिए जन शक्ति का कौशल विकास आवश्यक है, जिसके दृष्टिगत रोजगारपरक कौशल सीखने हेतु भारत सरकार द्वारा अनेक प्रकार की योजनाएं जैसे दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना आदि चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि आज के वैश्विक परिदृश्य में बदलाव और रचनात्मकता की मांग दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। इसको ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कौशल विकास के पाठ्यक्रम को भी जोड़ा गया है। कौशल विकास के माध्यम से युवा अपने सुनहरे भविष्य का निर्माण कर समाज एवं देश के विकास में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं। अध्यक्षता कर रहीं विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डॉ.) निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि युवा किसी भी देश का भविष्य है। आज भारत विश्व की सबसे बड़ी शक्ति के रूप में उभर रहा है। नोडल अधिकारी डॉ. राज कुमार ने छात्रों की उपलब्धियों एवं चल रहे रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। कार्यक्रम में जी-20 के अंतर्गत कराई गई विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया द्य वाई 20 चैपाल का का आयोजन डॉ. श्याम कन्हैया द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन एवं अतिथियों का स्वागत जी-20 की नोडल अधिकारी डॉ जाह्नवी श्रीवास्तव ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राज कुमार ने किया। प्रो. देवराज सिंह, डॉ. नीरज अवस्थी, डॉ. नितेश जयसवाल, डॉ. शशिकांत यादव, डॉ रामांशु प्रभाकर सिंह, डॉ, विनय वर्मा, डॉ. लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, अभिषेक आदि उपस्थित रहे।

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