गैर शैक्षणिक कार्य से निपुुण भारत मिशन के कार्यों के प्रभावित होते हुए को देखकर
विकास खंड उतरौला के समस्त 21 शिक्षक संकुल ने गुरुवार को सामूहिक रूप से त्याग पत्र दे दिया। खण्ड शिक्षाधिकारी की गैर मौजूदगी में सामूहिक त्यागपत्र उनके कार्यालय सहायक को सौंपा गया। संकुलों ने अपने लिखित पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि वे विगत कई वर्षों से अध्यापक पद पर कार्यरत हैं तथा पिछले तीन वर्षो से विभिन्न न्याय पंचायतों में शिक्षक संकुल के पद पर कार्य कर रहे हैं। विभाग द्वारा शिक्षक संकुलों को अपने विद्यालय के साथ-साथ कई अन्य विद्यालयों के विभागीय सूचनाओं का आदान-प्रदान, दीक्षा प्रशिक्षण, डीबीटी व यू-डायस प्लस पोर्टल पर डाटा फीडिंग जैसे कार्यों को बिना विद्यालय छोड़े करवाने का आदेश जारी किया गया है।
प्रत्येक माह अपराह्न तीन से पांच बजे तक न्याय पंचायत स्तरीय समीक्षा बैठक व एफ का कार्य भी अनिवार्य किया गया है। उपरोक्त कार्यों में शिक्षकों का व्यक्तिगत समय, पैसा व मोबाइल डाटा खर्च होता है साथ ही शिक्षकों के विद्यालय में शिक्षण कार्य भी बुरी तरह प्रभावित होता है। इन कार्यों के लिए शिक्षकों को विभाग द्वारा दो वर्षों से किसी भी प्रकार का कोई मानदेय नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा संकुल क्षेत्र के विद्यालयों द्वारा अपने कार्यों को समय से न करने पर शिक्षक संकुल की जवाबदेही तय कर दी जाती है, जो कि किसी भी प्रकार से उचित नहीं हैं। इन हालात में कार्य करना सम्भव नहीं है।अतिरिक्त कार्यों के साथ निपुण भारत मिशन के कार्यों को बेहतर ढंग से कर पाना संभव नहीं है। कार्यों के न होने से उन्हें जो चेतावनी दी जाती है उससे वे अपमानित महसूस कर रहे हैं व सामूहिक रूप से त्यागपत्र देने को बाध्य हैं।
त्यागपत्र देने वाले शिक्षक संकुल में संकुल शिक्षक मोहम्मद असलम, शबी अहमद खां, अभिषेक गुप्त, राघवेन्द्र कुमार, अबुल आसिम, कुमारी एकता, जीत कुमार, सिंह, कमल मोहन वर्मा, रतन दीप कुमार, अरविंद कुमार यादव, रुचि भदौरिया, विशाल कुमार, संदीप शर्मा, यशपाल सिंह, दिनेश कुमार गौतम, गोपाल शर्मा, नूरुद्दीन अहमद खान, शमा खानम, मोहम्मद जमाल अहमद, राकेश कुमार समेत अन्य शामिल रहे।
आगर अली
उतरौला
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