शहरवासियों को जाम की समस्या से निजात दिलाने और बेहतर परिवहन सेवा मुहैया कराने के लिए 13 नए बस अड्डे बनाए जाएंगे। बस अड्डों से अलग-अलग शहरों व रूट की बसें चलाई जाएंगी। इसका खाका वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने तैयार कर लिया है। वाजिदपुर में दस एकड़ सरकारी जमीन उपलब्ध है। इसे बस अड्डे के लिए जल्द ही आवंटित किया जा सकता है।वीडीए ने जो खाका तैयार किया है, उसके मुताबिक बस अड्डे रिंग रोड व राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास बनाए जाएंगे। इसे मास्टर प्लान 2031 में भी जगह दी गई है। बस डिपो व वर्कशॉप के लिए जमीन का सर्वे भी शुरू कर दिया गया है। इसके लिए 16 एकड़ जमीन अधिग्रहीत की जाएगी। इस पर 102 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे। जमीन अधिग्रहण की औपचारिकता जल्द ही पूरी होगी। इस मुहिम में प्रशासनिक अफसर लगे हैं।शहर के बीच से पुराने बस अड्डे शिफ्ट किए जाएंगे। इस दिशा में जिला प्रशासन पहले से काम कर रहा है। अब बस अड्डों को शहर से बाहर करने के प्रस्ताव को वीडीए के मास्टर प्लान में जगह मिल गई है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि कैंट बस अड्डे से जाम की समस्या गहराती है। कैंट से ही प्रयागराज, लखनऊ, जौनपुर, सोनभद्र, गाजीपुर, गोरखपुर, नेपाल के लिए बसें मिलती हैं। काशी, ग्रामीण और चंदौली डिपो से भी बसें जाती हैं। रोजाना 600 बसों का आवागमन होता है।
यहां बनेंगे बस अड्डेमोहनसराय बाईपास: पांच एकड़ जमीन पर 40 करोड़ खर्च होंगे। ( सोनभद्र, विंध्यनगर, प्रयागराज और कानपुर के लिए बसें चलेंगी।)
हरहुआ चौराहा: 11 एकड़ जमीन अधिग्रहण पर खर्च होंगे 56 करोड़। (लखनऊ, बलिया, गाजीपुर, आजमगढ़ और गोरखपुर की बसें मिलेंगी)।
वाजिदपुर: रिंग रोड के पास 10 एकड़ जमीन ली जाएगी। 50 करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे।(लखनऊ, बलिया, गाजीपुर, आजमगढ़ और गोरखपुर)
संदहां : 10 एकड़ जमीन पर 60 करोड़ खर्च होंगे।
ऐढ़े: 10 एकड़ जमीन पर 100 करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे।
गोईठहां: पांच एकड़ जमीन पर 40 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
अखरी: दस एकड़ जमीन पर 100 करोड़ खर्च होंगे।
नेवादा- दस एकड़ जमीन पर 60 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
टेंगरा मोड़: पांच एकड़ जमीन पर सौ करोड़ खर्च होंगे।
पड़ाव: पांच एकड़ जमीन 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
अवधुत भगवान आश्रम के पास 10 एकड़ जमीन ली जाएगी। 100 करोड़ लगेंगे।
साहूपुरी: 10 एकड़ जमीन पर 40 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
बाबतपुर: 18 एकड़ जमीन अधिग्रहीत होगी। 90 करोड़ रुपये लगेंगे। (डिपो और परिवहन विभाग के कार्यालय भी यहीं शिफ्ट होंगे।)
बस अड्डों को शिफ्ट करने का प्रस्ताव है। वाजिदपुर में दस एकड़ सरकारी जमीन है। दूसरे बस अड्डों के लिए जिला प्रशासन से जमीन मांगी गई है। जमीन मिलते ही डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर शासन को भेजी जाएगी। बस अड्डों को वीडीए के मास्टर प्लान में शामिल किया गया है।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know