जौनपुर। डॉ कुमार विश्वास व उनके साथियों ने श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध
जन संवाद फाउंडेशन द्वारा काव्य कलश का आयोजन
अक्षय तृतीया भगवान परशुराम जन्मोत्सव व हिन्दी कविता के शताब्दी वर्ष पर आयोजन
मुंगराबादशाहपुर,जौनपुर। अक्षय तृतीया,भगवान परशुराम जन्मोत्सव व हिन्दी कविता के शताब्दी वर्ष पर शनिवार को सुजानगंज के राष्ट्रीय महाविद्यालय में जन संवाद फाउंडेशन द्वारा काव्य कलश का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें विश्व विख्यात कवि कुलभूषण डॉ कुमार विश्वास व उनके साथियों के द्वारा एक से बढ़कर एक काव्य पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और तालियां की गड़गड़ाहट से समूचा परिसर देर रात तक गूंजता रहा।
बताते चलें कि अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव व हिन्दी कविता के शताब्दी वर्ष पर जन संवाद फाउंडेशन के चेयरमैन उत्तर प्रदेश पंकज मिश्रा के द्वारा भव्य काव्य कलश का आयोजन सुजानगंज क्षेत्र के राष्ट्रीय महाविद्यालय के प्रांगण में किया गया। जिसमें विश्व विख्यात देश के जाने माने कवि कुलभूषण डॉ कुमार विश्वास, पद्मिनी शर्मा, रमेश मुस्कान,शम्भू शिखर, योगेन्द्र शर्मा व प्रिया श्रीवास्तव दिव्यम के द्वारा एक से बढ़कर एक प्रस्तुति से उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और तालियों की गड़गड़ाहट से समूचा परिसर गूंजता रहा।
इससे पूर्व मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी,पूर्व विधायक बदलापुर बाबा दुबे सहित अन्य अतिथियों ने माँ सरस्वती वंदना के साथ दीप प्रज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके पश्चात देश के जाने माने कवि कुलभूषण डॉ कुमार विश्वास सहित पद्मिनी शर्मा, रमेश मुस्कान,शम्भू शिखर, योगेन्द्र शर्मा व प्रिया श्रीवास्तव दिव्यम का जन संवाद फाउंडेशन के चेयरमैन पंकज मिश्र ने कलाकारों का पुष्पों का गुच्छा देकर उनका स्वागत किया और स्मृति चिन्ह भेंट कर उनको सम्मानित किया गया। डॉ कुमार विश्वास ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह सुजानगंज जौनपुर की धरती है और जो लेट आता है उसे बहुत प्यार आशीर्वाद मिलता है और मैं पहली बार जनपद जौनपुर के किसी कवि सम्मेलन में आया हूँ।
इसी बीच तालियों की गड़गड़ाहट से श्रोताओं ने अपने चहेते कवि को भरपूर प्यार दिया। कवियित्री प्रिया श्रीवास्तव दिव्यम ने माँ सरस्वती वंदना माँ शारदे हमें ज्ञान का वर दो माँ गाकर श्रोताओं को आत्ममुग्ध कर दिया और खूब तालियां बटोरी। हास्य कवि शम्भू शिखर ने अपने हास्य रस से श्रोताओं को हंसाकर लोट पोट कर दिया और भी बेहतरीन प्रस्तुति देकर दर्शकों को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया। इसी कड़ी में वीर रस कवि योगेंद्र शर्मा ने गाजीपुर के लाल परमवीर चक्र से सम्मानित वीर अब्दुल हमीद पर " हिन्द की जय हिन्द की जय शोर चारों ओर था द्वन्द गगनभेदी गर्जना का दौर भी चारों ओर था,क्या गजब दीवानगी क्या गजब उन्माद था और देश की रक्षा के लिए हमीद आगे बढ़ गया,भारती का लाल अब्दुल दुश्मनों का काल था" वीर रस से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। इसी क्रम में पद्मिनी शर्मा और रमेश मुस्कान ने भी एक बढ़कर एक प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और समूचा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। अंत में कुमार विश्वास ने " किसी के दिल की मायूसी जहाँ से हो के गुजरी हैं हमारी सारी चालाकी वही पे खो के गुजरी हैं तुम्हारी और हमारी रात में बस फर्क इतना है तुम्हारी सो के गुजरी हैं , हमारी रो के गुजरी है " से दर्शकों को आत्ममुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का समापन करते हुए आयोजक व चैयरमैन पंकज मिश्रा ने आए हुए अतिथियों व दर्शकों के प्रति अपना आभार प्रकट किया।
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