राजकुमार गुप्ता
आगरा। स्कूलों में नया सत्र शुरू हो गया हैं। छोटे छोटे बच्चों की चुनिंदा किताबें लेना अब अभिभावकों की मजबूरी बन गयी हैं। छोटे बच्चों की किताबों का सेट आठ से दस हजार में आ रहा हैं। निजी स्कूलों की मनमानी से माता पिता पिस रहें हैं। अब लोग बोले रहें हैं किससे शिकायत करें।
इस सन्दर्भ में अखंड भारत हिन्दू महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल सिंह चाहर बताया कि छोटे बच्चों की किताबों का सेट आठ से दस हजार में आ रहा हैं। निजी स्कूलों की मनमानी से माता पिता पिस रहें हैं, लूट रहे। सरकार, जनप्रतिनिधि प्रशासन चुप हैं। अब क्या गरीब के बच्चे को इंग्लिस मीडियम स्कुल में पढ़ने तक का अधिकार नहीं ?
आजकल छोटे बच्चों की किताबों का सेट आठ से दस हजार में आ रहा हैं। निजी स्कूलों की मनमानी से माता पिता पिस रहें हैं, लूट रहे। सरकार, जनप्रतिनिधि प्रशासन चुप हैं। अब क्या गरीब के बच्चे को इंग्लिस मीडियम स्कुल में पढ़ने तक का अधिकार नहीं ?
चाहे प्रदेश सरकार हो या केन्द्र सरकार, शिक्षा पर किसी का ध्यान नहीं है। इस क्षेत्र में निजी स्कूलों द्वारा जनता से खुली लूट हो रही है। कोई भी सरकार इस तरफ़ ध्यान नहीं दे रही। उधर भाजपा सरकारों में जनप्रतिनिधियों की स्थिति तो इतनी दयनीय हो गई है। आज़ की इनकी स्थिति ये हैं कि इनकी कोई बात नहीं सुनी जाती। समझ में नहीं आ रहा कि जनप्रतिंधियों का क्या काम है ? सरकार बनाने के लिए संख्या बढ़ाना या सरकारी योजनाओं की इतिश्री होते देखना। शिक्षा का स्तर क्या है और वहां किस प्रकार से लूट मची है? कोई देखने वाला नहीं है। जनता को इनके भरोसे लुटने को छोड़ दिया गया है। भगवान ही रखवाला है।
उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी एवं शिक्षा मंत्री से जनहित मे आहवान है शिक्षा हित के लिए शिक्षा माफिया तथा सांठगांठ करने वाले शिक्षा अधिकारियों पर तत्काल प्रभाव से नियंत्रित करें।
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