जौनपुर। हनुमान जन्मोत्सव पर मन्दिरों पर पूजन दर्शन करने को उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
जौनपुर। चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि गुरूवार को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाता है। इस बार हनुमान जन्मोत्सव पर भगवान हनुमान की पूजा के लिए चार मुहूर्त और पांच बड़े योग हैं। भगवान हनुमान जी की पूजा के लिए सुबह से रात तक पूजा का शुभ मुहूर्त है।
हनुमान जन्मोत्सव पर पांच तरह के शुभ योग का निर्माण हुआ है। जिसमें गजकेसरी, हंस, शंख, विमल और सत्कीर्ति नाम के पांच राजयोग है। इस अवसर पर जिलेभर के हनुमान मन्दिरों पर सजावट कर बजरंग बली का श्रृंगार कर विधिवत पूजन और रामतरित मानस का पाठ किया गया। मन्दिरों पर देर रात तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। श्री माँ शारदा शक्तिपीठ के प्रांगण में स्थित हनुमान मंदिर में प्रातः काल से हनुमान जी का श्रृंगार-पूजन किया गया। महिलाओं द्वारा सुन्दर काण्ड पढ़ा गया। जयंती पर हरे कृष्णा हरे राम का जाप वादन के साथ किया। संकटमोचन प्रभू श्री हनुमान जी की कृपा व संकट से मुक्ति पाने हेतु भक्तजनों का तांता लगा रहा। हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाया गया। दर्शन-पूजन के बाद भक्तों ने महाप्रसाद भी ग्रहण किया। भक्तों के लिए कढ़ी चावल का प्रसाद वितरण किया गया। ज्ञात हों कि बड़े-बड़े पर्वत उठाने वाले, समुद्र लांघ जाने वाले और स्वयं ईश्वर का कार्य संवारने वाले संकटमोचन हनुमान का अवतरण चैत्र माह में पूर्णिमा तिथि को हुआ था। इसी उपलक्ष्य में हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि यानी रामनवमी के ठीक छह दिन बाद हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाता है। ये पर्व विश्वभर में हनुमत भक्तों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। हनुमान जन्मोत्सव पर भगवान हनुमान की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि हनुमान जन्मोत्सव के दिन विधि विधान से महाबली हनुमान की पूजा अर्चना करने से सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। हनुमानजी को संकट मोचन कहा जाता है। इनके पथ पर चलने वालों को कोई भी संकट नहीं मिलता है। हनुमानजी को 3 तरह के लड्डू पसंद हैं- एक केसरिया बूंदी लड्डू, दूसरा बेसन के लड्डू और तीसरा मलाई-मिश्री के लड्डू। इसमें बेसन के लड्डू उन्हें खास पसंद हैं। लड्डू चढ़ाने से मनचाहा वरदान हनुमानजी भक्तों को दे देते हैं और उसकी मनोकामना पूर्ण कर देते हैं।
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