जिस ट्रक को खनन विभाग ने सात अप्रैल को सीज कर कोतवाली उतरौला में खड़ा कर दिया था उसी गाड़ी को एआरटीओ ने बुधवार को सीज करके रिपोर्ट पुलिस को भेज दी।
एआरटीओ की इस कार्रवाई को लेकर लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे है। बता दें कि ट्रक संख्या यूपी 47 टी 7000 को खनन विभाग के अधिकारियों ने सात अप्रैल को लाकर कोतवाली को सुपुर्दगी में दे दिया था। पुलिस ने उसी दिन ट्रक पर अपनी कब्जेदारी दिखा कर उसके फ्रंट ग्लास पर पूरा विवरण भी लिख दिया। लेकिन पांच दिन बाद ट्रक एआरटीओ को कहां और किस हाल में मिला कि उसको सीज कर दिया गया। अहम सवाल यह है कि जब ट्रक पुलिस के कब्जे में था तो एआरटीओ को एमवी एक्ट में चालान करने के लिए ट्रक की मौजूदगी कहां से मिली। प्रभारी निरीक्षक संजय दुबे का कहना है कि खनन विभाग ने जिस दिन ट्रक को पुलिस के सिपुर्द किया था, उस दिन के बाद से वह वाहन कहीं भी नहीं गया।
एक ही ट्रक को दो विभागों ने अलग-अलग तारीख में सीज किया इसे लेकर पुलिस व खनन विभाग तो अपने ऊपर लग रहे आरोपों से पूरी तरह बचाव कर ही रहा है लेकिन एआरटीओ की कार्रवाई संदेह़ो के घेरे में है।
असगर अली
उतरौला
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know