जौनपुर। गौशाला बिकने के बाद अब राशन माफिया की नजर ग्रामसभा जमीनों पर

भाजपा पर भारी पड़े सपा प्रत्याशी उमाशंकर चौरसिया-

बसपा प्रत्याशी मुस्लिम मतदाताओं का झुकाव अपनी और करने में हुए विफल-

निकाय चुनाव में माफियाओं के पक्ष में मतदान भारी नुकसान-

मुंगराबादशाहपुर,जौनपुर स्थानीय नगर पालिका परिषद के चुनाव को लेकर पूरे क्षेत्र में सरगर्मी बढ़ गई है‌। सभी दल के प्रत्याशी प्रचार प्रसार जोरों से करना शुरू कर दिए हैं। अलग-अलग वार्डो में भाजपा ,सपा व बसपा  समेत कुल पांच पार्टी के प्रत्याशी सहित कार्यकर्ता अपने पार्टी को जिताने में जोर आजमाइश कर रहें हैं। 

हाव-भाव दृश्य को देखने से पता चलता है कि राशन व गौशाला व प्राइमरी स्कूल बेचने वाले माफियाओं का मनोबल बढ़ा है। यह बात भले ही अटपटा लगता है किंतु हकीकत यही है सारे मर्जो के समाधान के लिए जनता को अच्छे छवि के नेता को अपना मतदान देने का विचार बना चुकी है। परिसीमन में जुटे हुए 12 गांव के लोगों का कहना है कि भले ही मोटी रकम खर्च करके बड़ी पार्टी का टिकट क्यों न ले ले लेकिन जनता पार्टी के नाम पर इस निकाय चुनाव में वोट नहीं करेगी। इस चुनाव में राशन माफिया व भू माफियाओं की नजर केवल ग्राम सभा के खाली जमीनों पर है। भले ही किसी अन्य पार्टी में सपोर्ट करना क्यों न पड़े। इसी में गरीब जनता की भलाई है। अन्यथा कुछ मगरमच्छ चुनाव लड़ रहे हैं वह सबको निकल जाएंगे। वही जनता का नब्ज टटोलने के बाद पता चलता है कि प्राइमरी स्कूल कब्जा व गौशाला बेचने का लगा बदन में दाग लाख मिटाने का प्रयास करने के बाद भी माफिया लोग असफल साबित हो रहे हैं। जो उनके गले का हड्डी बनेगा। अगर इस चुनाव में थोड़ी सी चूक में जनता ने माफी योग का पक्ष में मतदान किया तो उसे भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। जो नगर के लिए विकास के बजाय विनाश का अशुभ संकेत होगा। चुनाव में क्या होगा मापदंड.? गौशाला की जमीन को भू माफियाओं को कब्जा कराने के लिए बेशकीमती गाड़ी लेना प्राइमरी स्कूल सिपाह में माफियाओं को कब्जा कराने के लिए जमीन लेना, नगर में जगह-जगह दबंगई व आतंक मचाना व असहाय व सरकारी भूमि पर कब्जा करना आदि का दबाव देही विकास पुरुष है। जनता को इसे तय करना होगा। धर्म गुरुओं व समाज को अगुवाई करने वाले उपदेशकों के सामने भी या चुनाव अग्निपरीक्षा है। उनके सामने एक कड़ी चुनौती है देखना है कि वह धर्मी अथवा अधर्मी, को पात्र अथवा सुपात्र में किसके पक्ष में मतदान स्वयं करते अथवा करवाते हैं। उनके कथन अनुसार अगर वह अपराधिक किस्म के लोगों को मतदान करते हैं अथवा कराते हैं तो धार्मिक ग्रंथों के अनुसार देने वाले व दिलाने वाले दोनों भी पाप के भागीदार बनेंगे। लोगों का मत है कि जब से चेयरमैन ओके बजाज चेयरमैनों के चुनने का सिलसिला शुरू हुआ है। फिलहाल इस निकाय चुनाव में सपा प्रत्याशी की छवि साफ-सुथरी होने के नाते भाजपा पर सपा भारी दिखाई पड़ रही है। साथ ही बसपा प्रत्याशी संघर्ष में आने के लिए हाथ पाव मार रहे हैं। फिर भी मुस्लिम मतदाताओं का वोट अपनी ओर करने में विफल साबित हो रहे हैं। तथा अन्य दो पार्टी वोट कटवा की भूमिका अदा कर रहे हैं।

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