जौनपुर। दिव्यांग संस्थान में आर्टिज्म पर दिया जानकारी

जौनपुर। विश्व आर्टिज्म दिवस के अवसर पर रविवार को हर्षिता इंटरनेशनल दिव्यांग स्कूल बक्शा में संगोष्ठी आयोजित किया गया। समाज सेवी राजबहादुर यादव  मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम का सुभारंभ किया।
         
संस्थान का संचालन कर रहे डॉ0 प्रमोद कुमार सैनी ने आर्टिज्म के सम्बंध में जानकारी देते हुए बताया कि आर्टिजज्म का हिन्दी अनुवाद स्वलीन होता है, जिसका अर्थ है अपने आप में लीन रहना। ये बच्चे सामान्य बच्चों की तरह दिखते हैं। शारीरिक, मानसिक विकास सामान्य बच्चों की तरह होता है लेकिन ये बच्चे सामान्य बच्चों जैसा व्यहार नहीं कर पाते हैं, प्रतिक्रिया देर से देते हैं ऐसे बच्चों को शिक्षण प्रशिक्षण के माध्यम से इनके व्यवहार में परिवर्तन लाया जा सकता है, ये अपना जीवन सामान्य बच्चो की तरह जी सकते हैं। यह एक मानसिक रोग होता है जिसे दवा से नहीं बल्कि शिक्षण प्रशिक्षण के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। जिस क्षेत्र में ये रुचि लेते हैं बहुत आगे जाते हैं। जैसे बल्ब की खोज थामस एल्व एडिशन ने किया था। मनोज कुमार माली, बृजमोहन, सोनम यादव प्रमोद दूबे, मंजू प्रजापति, बृजेश गुप्ता, हर्ष प्रजापति व दिव्यांग बच्चे आदि मौजूद रहे।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने