समाजवादी व भाजपा में अध्यक्ष पद के दावेदारों की संख्या ज्यादा होने के कारण टिकट बंटवारे को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। समाजवादी पार्टी से टिकट के लिए पूर्व नपाध्यक्ष की पत्नी अफसरजहां, तवक्कल हुसैन, रब्बू सिद्दीकी, मलिक एजाज, आकिब महमूद, नसीरुद्दीन खां, डॉ.हिना कौसर ने दावेदारी की ही है। भाजपा से पूर्व नपाध्यक्ष अनूप गुप्त, अमरनाथ गुप्त, देवानंद गुप्त व रूपेश गुप्त ने अपनी दावेदारी पेश की है। एआइएमआइएम, कॉंग्रेस व बसपा ने भी अपने-अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारने की घोषणा की है। हांलाकि नगरपालिका बनने के बाद अब तक हुए छह चुनावों में तीन बार भाजपा व इतनी बार ही सपा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। पहली बार नपाध्यक्ष बने विश्वनाथ गुप्त व पिछले चुनाव मे निर्वाचित हुए मुहम्मद इदरीस खां को छोड़कर बाकी सबने अपने पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा किया था। इस बार के चुनाव में सपा व बसपा के दावेदारों की ज्यादा संख्या होने के कारण पार्टी नेतृत्व को किसी एक के नाम पर सर्वसम्मति बनाने में कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा को सबसे ज्यादा मशक्कत करनी पड़ रही है।
नगर क्षेत्र के 25 वार्डों में सभासद प्रत्याशियों के लिए भी सपा-भाजपा के दावेदारों के बीच जोर आजमाइश चल रही है।
असगर अली
उतरौला
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