राजकुमार गुप्ता
वृन्दावन।दुर्गापुरम्-पानीघाट क्षेत्र स्थित श्रीबड़ी छावनी आश्रम में श्रीकरुणा निधान परिकर के तत्वावधान में पंच दिवसीय श्रीजानकी प्राकट्य महामहोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारम्भ हो गया है।महोत्सव का शुभारंभ श्रीनाभापीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज के पावन सानिध्य में संतों ,विद्वानों व धर्माचार्यों की उपस्थिति में ठाकुरजी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया।इसी के साथ अखंड हरिनाम संकीर्तन, भक्तमाल मूल पाठ व अखंड श्रीराम चरित मानस पाठ आदि के कार्यक्रम भी प्रारम्भ हो गए हैं।
सायं को संत परमेश्वरदास वेदांती महाराज (अयोध्या) व संत राम संजीवनदास शास्त्री महाराज (सुदामा कुटी,वृन्दावन) ने श्रीमद्भक्तमाल की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि श्रीनाभादास महाराज कृत श्रीमद्भक्तमाल ग्रंथ में अनेकों भगवद प्राप्त संतों व भक्तों का वर्णन है।जिसके श्रवण करने से व्यक्ति पाप मुक्त हो जाता है।साथ ही उनका कल्याण हो जाता है।इसीलिए श्रीमदभक्तमाल की कथाएं अत्यंत महिमामयी व पुण्यदायी हैं।
उन्होंने कहा कि श्रीधाम वृन्दावन की पावन भूमि बाल भक्त ध्रुव, सौभरि ऋषि आदि जैसे उच्च कोटि के संतो व भक्तों की साधना स्थली है। जो सदैव प्रभु भक्ति में लीन रहा करते हैं। ईश्वर को हम लोगों ने कहां देखा है।प्रभु के भक्त व संत ही हमें पृथ्वी पर प्रभु सत्ता की अनुभूति कराती हैं।
इस अवसर पर आश्रम के महंत रामकल्याण दास महाराज,महामंडलेश्वर भैयाजी महाराज, गोरे दाऊजी आश्रम के महंत प्रहलाद दास महाराज,महंत वासुदेव दास महाराज,वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी,महंत अवधेशदास महाराज, डॉ. रमेश चंद्राचार्य महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा,पंडित आगमन शुक्ला आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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