राजकुमार गुप्ता
आगरा। भारतीय सविधान के रचयिता, भारतरत्न, असहायों के भाग्यविधाता, ओजस्वी लेखक, पत्रकार, सम्पादक, अर्थशास्त्री एवं अद्वितीय प्रतिभा के धनी, राजनीतिज्ञ, समाजसेवी, समाज सुधारक, देश के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री,भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माता, सामाजिक न्याय के प्रणेता, देश को नई दिशा देने वाले, शोषित, वंचित, गरीब, दलितों के ग्रेट लीडर, द नॉलेज ऑफ सिंबल, भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी की 132वीं जन्म जयंती की सभी देशवाशियों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई।
प्रशिद्ध एवं लोकप्रिय सीनियर क्रिमिनल लॉयर एवं समाजसेवी अरविन्द कुमार पुष्कर ने द नॉलेज ऑफ सिंबल, भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी की 132वीं जन्म जयंती की सभी देशवाशियों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई व्यक्त करते हुए बताया कि क्लास रूम के बाहर बैठने बाले एक अकेले बाबा साहेब ने अपने सकारात्मक विचारे से दलितों की जिन्दगीं बदल दी। क्योंकि बाबा साहेब चित्र में नहीं अच्छे चरित्र में बसते हैं। बाबा साहेब का संघर्ष सम्पूर्ण विश्व के लोगों के लिए एक मिसाल हैं। हम कभी भी बाबा साहब के त्याग और बलिदान को भुला नहीं सकते। हम सब भी उनके विचारों को अपनाकर बाबा साहब की तरह विश्व मे महान बन सकते हैं। क्योंकि बाबा साहब ने अपना पूरा जीवन गरीबों, कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए न्योछावर कर दिया। बाबा साहब ने समाज में हर वर्ग को समानता दिलाने के लिए जीवन भर कठिन संघर्ष किया।
अब सर्व समाज द्वारा कहा जाता हैं कि एक डॉ अंबेडकर ने दलितों की तकदीर बदल दी लेकिन मुसलमानों को ऐसा नेता अभी तक नहीं मिला, जो मिले वह भड़काने वाले मिलें और ये किताबें जलाकर लड़ने निकल गए। मगर दलित समाज अपनी कड़ी मेहनत, लगन, ईमानदारी, बफादारी के कारण देश ही नहीं बल्कि विदेश में हर जगह तरक्की कर रहे हैं। आज़ दलित राष्ट्रपति, मंत्री, अच्छे जज, कलक्टर, अधिकारी, टीचर, डॉक्टर, इंजिनियर, आईएस, पीसीएस, लॉयर, पुलिस मेन, विजनीस मेंन, उधोगपति, समाजसेवी, पत्रकार आदि हैं। बाबा साहब की सकारात्मक शिक्षा की बदौलत अब ऐसा कोई पद नहीं जहां दलित न हों। आज़ दलित समाज अपनी सकारात्मक सोच के साथ कुछ सामाजिक और आर्थिक दिक्कते होने ने बाद भी देशहित में पूरी ईमानदारी से राष्ट्र निर्माण में सहयोग कर रहें हैं। लेकिन 70 साल राज करने बाली एक पार्टी ने बाबा साहेब को जीवित रहते वह सम्मान नहीं दिया, जो उन्हें मिलना चाहिए था।
श्री पुष्कर ने आगे बताया कि उनकी मृत्यु के 4 दशक बाद उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया, लेकिन भाजपा सरकार, प्रधानमंत्री मोदी जी एवं उत्तर प्रदेश के सीएम योगी महाराज जी उनके प्रस्तावों को एक वास्तविकता बनाने के लिए सराहनीय प्रयास कर रहें हैं। इसलिए राष्ट्र की तरक़्क़ी हेतु हमें डॉ बाबा साहब के विचारों और सबके प्रति समान सोच की बहुत आवश्यकता हैं। आज हमें प्रधानमंत्री मोदी जी एवं उत्तर प्रदेश के सीएम योगी महाराज जी को सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ना चाहिए। इसलिए हम सब की जिम्मेदारी है कि हम एक दूसरे की मदद करें और देश को उन्नति एवं विकास के पथ पर आगे बढ़ाएं। बाबा साहेब ने वर्षों पूर्व में कहा था कि महान आदमी एक आम आदमी से इस तरह से अलग है कि वह समाज का सेवक बनने को तैयार रहता है। ऐसे महान विचारों के धनी बाबा साहेब ने पढ़ लिखकर क़ाबिल बनो और राष्ट्र सेवा करने पर जोर दिया। इसीलिए उनके विचारों के चिंतन में देश सबसे ऊपर हैं।
उनका मानना था कि सभी के साथ मिलकर रहने में ही हमारे देश की तरक्की हैं। जिसमें शिक्षा हर व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण आधार होना चाहिए। वे मानते थे कि आज समाज में एकता तभी आ सकती है, जब सभी के प्रति प्रेम और बंधुत्व का भाव रखा जाए और कमजोरों की सहायता की जाए। उनके विचारों के अनुरूप हम लोग समाज सेवा का व्रत लें और अपनी सोच सर्व समाज के अनुरूप बनाएं। इसीलिए मैं एड्वोकेट अरविन्द कुमार पुष्कर बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर को कोटी-कोटी नमन करते हुए उन्हें बारम्बार श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। काश आज़ बाबा साहेब होते तो दलितों की तरक़्क़ी देख बहुत खुश होते। बाबा साहेब डॉक्टर भीम राव अंबेडकर की जन्म जयंती पर हम भारत के लोगों की तरफ से अपनी सामूहिक शक्ति का ये प्रदर्शन, ये संकल्प, उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know