जौनपुर। समाज के लिए अभिषाप है बाल विवाह
जौनपुर। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने अवगत कराया है कि बालकों, बालिकाओं के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए जनपद के समस्त प्रबुद्धजनों से अपील की जाती है कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अन्तर्गत बाल विवाह करना कराना कानूनी अपराध है। प्रायः यह देखा जाता है कि अक्षय तृतीया पर बाल विवाह कराए जाने की कुप्रथा रही है। बाल विवाह समाज व उस व्यक्ति के लिए जिसका बाल विवाह हो रहा है एक अभिशाप है। यह गरीबी के दुष्चक्र को बनाए रखने में मदद करता है। यदि कोई भी व्यक्ति संस्था जिसको बाल विवाह के सम्पन्न होने की जानकारी या वाजीब शंका हो वह अपने इलाके के पुलिस थाना, जिलाधिकारी द्वारा नामित बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) राम अक्षयबर चैहान, मो0नं0- 9454417649, बिजय कुमार पाण्डेय, जिला प्रोबेशन अधिकारी, मो0नं0-7518024045, चन्दन राय, बाल संरक्षण अधिकारी, मो0नं0-8115066215, अशोक कुमार मिश्र, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति, जौनपुर मो0नं0-9792636278 एवं सदस्यगण डा0 उमाशंकर सिंह, विनय कुमार सिंह, चन्द्रभूषण सिंह एवं माधुरी गुप्ता के साथ ही चाइल्ड हेल्पलाइन नं0-1098, इमरजेन्सी हेल्पलाइन नं0-112, महिला हेल्पलाइन नं0-181 और जिला मजिस्ट्रेट जौनपुर को लिखित या मौखिक रूप से सूचित कर सकते हैं।
वह लड़की जिसने 18 वर्ष की आयु पूर्ण न की हो एवं वह लड़का जिसने 21 वर्ष की आयु पूर्ण न किया हो और यदि वे शादी करते हैं तो बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अन्तर्गत कानूनी अपराध है। ऐसे विवाह करवाने वाले व्यक्तियों जैसे पण्डित, मौलवी, पादरी, नाई, कहार, बैण्डबाजा, हलवाई, टेन्ट वाला व्यक्ति, पिता एवं रिश्तेदार, दोस्त इत्यादि उक्त कानून के धारा 10 के अन्तर्गत बाल विवाह को सहमति देना, बढावा देना या शामिल होना उक्त कानून के धारा 11 के अन्तर्गत दण्ड 2 साल तक का कठोर कारावास एक लाख जुमार्ना या दोनो का प्रावधान है।
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