उतरौला(बलरामपुर)नगर क्षेत्र उतरौला में पचासों वर्ष पहले नगर पालिका परिषद उतरौला ने बेसिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तीन विघालय का निर्माण कराया था। 
निर्माण के बाद विघालय का प्रबंधन नगर पालिका परिषद उतरौला के  हाथ रही है। 
उसके कुछ वर्षों बाद शासन ने विघालय का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया। नगर की आबादी बढ़ती गई लेकिन उसके बाद से नगर में बेसिक शिक्षा का एक भी विघालय नहीं खुल सका। नगर में बेसिक विघालय के खुलने की कोई पहल नगर पालिका परिषद उतरौला ने नहीं की। मजबूरन नगर के बेसिक छात्र प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेने को मजबूर हैं। बेसिक छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नगर में प्राइवेट स्कूलों की बाढ आ गई है।
उतरौला नगर में बेसिक शिक्षा के नगर पालिका जूनियर हाईस्कूल, उच्च बालिका विघालय,कन्या जूनियर हाईस्कूल खोल रखा है। इस विघालय का निर्माण नगर पालिका परिषद उतरौला ने कराया था। 
उसके बाद बेसिक शिक्षा के लिए नगर के छात्र इसमें प्रवेश लेकर शिक्षा ग्रहण करते रहे। उसके कुछ वर्षों बाद शासन ने नगर के बेसिक विघालयो का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया।‌ नगर पालिका परिषद उतरौला से नगर पालिका परिषद उतरौला का प्रबंधन चले जाने से नगर में एक भी विघालय का निर्माण नगर पालिका परिषद उतरौला ने नहीं कराया। शिक्षक रहे देवता प्रसाद तिवारी का कहना है कि बेसिक विघालयो का प्रबंधन शासन ने अपने हाथ में ले लिए जाने के बाद से नगर की बेसिक शिक्षा व्यवस्था काफी पिछड़ गई है। नगर में आबादी बढ़ती गई लेकिन बेसिक विघालयो की वृद्धि नहीं हो सकी। हाफिज दयान कहते हैं कि नगर में बेसिक विघालयो की दशा दिन प्रतिदिन खराब होने से सभी विघालयो के भवन खण्डहर होते जा रहे हैं। छतों व दिवारो में दरार जाने से बरसात का पानी कमरों के अन्दर आता है। सरकार ने बेसिक विघालयो के भवन के मरम्मत का कोई ठोस कार्य नहीं किया।
 पप्पू श्रीवास्तव का कहना है कि बेसिक विघालयो का प्रबंधन नगर पालिका से छीन जाने के बाद से इसके व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो सका। नगर में सरकारी विद्यालयों की कमी से निजी विघालयो की संख्या बढ़ती गई। अभिमन्यु जायसवाल का कहना है कि सरकार ने नगर के बेसिक विघालयो को हाथ में पचासों वर्ष पहले ले लिया था लेकिन उसके बाद सरकार ने एक भी विघालय नहीं खोला। इससे नगर के छात्र मजबूरन निजी विघालयो में पढ़ते है।‌ 
फिलहाल नगर में बेसिक विघालयो की कमी नगर पालिका परिषद उतरौला के चुनाव में चुनावी मुद्दा बना हुआ है। नगरवासी ऐसे प्रत्याशी को जिताना चाहते हैं जो नगर में बेसिक विघालयो की कमी को दूर कर सके।
असगर अली 
उतरौला 

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