जौनपुर। भाजपा की राह में रोड़ा बने हैं बागी सभासद प्रत्याशी व कार्यकर्ता
जौनपुर। नगर निकाय चुनाव में नगर पालिका परिषद जौनपुर सीट पर इस बार हाथी को पछाड़ने के लिए सपा, भाजपा, कांग्रेस और आप पार्टी के प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोक दिया है। इसमें कोई "22 साल बदहाल नगर पालिका" का नारा बुलंद करके जनता के बीच जा रहा तो कोई "इस बार परिर्वतन" की बात कहकर जनता से वोट मांग रहा है। भविष्य में कौन बाजी मारेगा यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि आज तक कोई भी पार्टी हाथी को मात देना तो दूर की बात उसकी पुछ तक नही पकड़ पाई है।
जौनपुर नगर पालिका परिषद पर बीते 22 वर्षो से टण्डन परिवार बसपा का परचम लहरा रहा है, इस बार बीजेपी टण्डन के एक छत्र राज को हटकार कमल का झण्डा बुलंद करने के लिए पूरी ताकत झोक दिया है। नगर विधायक व सूबे के मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने चुनाव प्रचार की कमान सम्भाल लिया है। वे भारी संख्या में पार्टी के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं के साथ सूर्य की पहली किरण निकलने से पूर्व चुनाव प्रचार कर रहे हैं। लेकिन भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बने हैं खुद पार्टी के निर्वतमान सभासद व बागी प्रत्याशी। टिकट काटे जाने व टिकट न मिलने नाराज आधा दर्जन से अधिक पार्टी के "दिल जले" कार्यकर्ता मैदान में डटे हुए हैं। पार्टी द्वारा टिकट ने मिलने से नाराज होकर ओलन्दगंज वार्ड से भाजपा सभासद रेनू पाठक निर्दल प्रत्याशी की रूप में मैदान में ताल ठोक रही है उनका चुनाव निशान उगता सूरज मिला है वे सूरज वाले निशान से कमल को कुम्हलाने के लिए पूरी ताकत झोक दी है। उधर मुस्लिम बाहुल क्षेत्र कटघरा वार्ड में लगातार तीन बार कमल का परचम लहराने वाले मुकेश सिंह का पार्टी ने टिकट काट दिया है। पार्टी के सौतेले व्यवहार से खार खाए मुकेश ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कार वाले चुनाव निशान लेकर बीजेपी के जीत की राह में रोड़ा अटका दिया है। उधर करीब 25 वर्षो से भारतीय जनता पार्टी के लिए तन मन और धन से अपना खून पसीना बहाने वाले आलोक वैश्य ने भगवा खेमे को छोड़कर हाथी पर सवार हो गए। आलोक रासमण्डल वार्ड से बहुजन समाज पार्टी के चुनाव निशान से बीजेपी प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे रहेहैं। मछरहट्टा वार्ड से चुनाव लड़ रहे निर्दल प्रत्याशी मोहनीश शुक्ला बीजेपी के लिए पूरी जवानी कुर्बान कर दिया। पार्टी द्वारा दगा मिलने से खफा होकर खड़ाऊ निशान लेकर कमल को टक्कर देने में जुटे हुए हैं। वहीं मुस्लिम बाहुल बलुआघाट वार्ड से पिछली बार चंद वोटो से शिकस्त खाने वाले आनंद निषाद उर्फ बच्चा से भी भाजपा ने किनारा कर लिया है जिसके कारण आनंद ने भी पार्टी से बगावत करते हुए निर्दलीय पर्चा भर दिया। चुनाव आयोग ने उन्हे उगता सूरज चुनाव निशान एलाट किया है। भण्डारी वार्ड से निर्दल प्रत्याशी के रूप चुनाव लड़ रही पोशकी साहू, उनके पति यशवंत साहू भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता रहे वे भाजपा नगर उत्तरी के पदाधिकारी भी थे लेकिन टिकट न मिलने के कारण यशवंत ने अपने पद और सदस्यता से त्याग पत्र देकर अपनी पत्नी को निर्दल प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतार दिया है। पोशकी को चुनाव निशान झोपड़ी मिला है। इन महत्वपूर्ण कार्यकर्ताओं के बगावत से कमल दल वालों में हड़कंप मच गया है। सभी को अच्छी तरह से भान हो गया कि इसका असर अध्यक्ष पद चुनाव लड़ रही मनोरमा मौर्या पर भी पड़ सकता है। जिसे देखते हुए खुद नगर विधायक व सूबे के मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने चुनाव प्रचार की कमान सम्भाल लिया है। वे भारी संख्या में पार्टी के पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं के साथ सूर्य की पहली किरण निकलने से पूर्व चुनाव प्रचार कर रहे हैं। मंत्री जी चुनाव प्रचार के दरम्यान रूठे हुए कार्यकर्ताओं को मनाने का भरपूर प्रयास भी कर रहे हैं।भाजपा के "दिल जले" पार्टी पर कितना असर डालेंगें यह तो 13 मई को मतगणना के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन मौजूदा समय में पार्टी के जिला इकाई के लिए सरदर्द जरूर बन गए हैं।
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