उतरौला बलरामपुर शुक्रवार के दिन रजा मस्जिद के पेश इमाम कारी शाह आलम ने अपने तकरीर प्रोग्राम में मुसलमानों से बताया कि मुल्क पर के मालदार मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि जिस पर जकात फर्ज है ।
वह सरई मालदार मुसलमान जिसके पास 7:30 तोला सोना या इतनी कीमत या साडे 52 तोला चांदी या इसकी कीमत रुपए पैसे या चल अचल सम्पत्ति हो वह इस्लाम में मालदार व्यक्ति कहलाता है अपने माल की जकात व सदका ए फित्र की रकम जल्द से जल्द खुदा का शुक्र अदा करते हुए अदा कर दे कि अल्लाह ने उन्हें देने वाला बनाया है
न कि लेने वाला ताकि गरीब मुसलमान आने वाली ईद की खुशियों में शामिल हो सके उन्होंने कहा कि मजह बे इस्लाम में 5 स्तंभ में एक जकात भी है जकात की अहमियत इस बात से भी समझी जा सकती है कि समाज में आर्थिक बराबरी के मकसद से कुरान में 83 जगहों पर नमाज के साथ जकात का जिक्र आया है जकात के साथ सदका लफ़्ज़ का भी जगह जगह प्रयोग किया गया है जकात निकालने से उनका माल पाक हो जाता है
और उसमें बरकत भी होती है मालदार मुसलमानों के माल पर गरीबों का हक है उनकी जिम्मेदारी है कि वह लोग गरीब यतीम अनाथ बेवा विधवा और जरूरतमंद लोगों तक यह रकम पहुंचा दें।
असगर अली
उतरौला
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