उतरौला(बलरामपुर) गेहूं खरीद शुरू होने के 18दिन बाद भी राजकीय गेहूं क्रय केंद्र उतरौला पर सन्नाटा पसरा रहा।किसानों को दरवाजे पर ही सरकारी मूल्य से अधिक मिलने पर वे केंद्रों पर गेहूं बेचने से परहेज कर रहे हैं।
हालाकि क्रय केंद्र प्रभारी किसानों से संपर्क कर रहे हैं और गेहूं लाने को प्रेरित कर रहे हैं। समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं की खरीद कर पाना क्रय एजेंसियों के लिए इस वर्ष काफी चुनौती भरा साबित हो रहा है।अब तक तो किसानों के गेहूं की फसल कटकर घर पहुंचने का इंतजार क्रय केंद्र के अधिकारी कर रहे थे,पर अब बाजार में गेहूं के दाम तय सरकारी समर्थन मूल्य के करीब पहुंच जाने के बाद किसानों ने अपना गेहूं सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचने के स्थान पर बाजार में बेचना फायदे का सौदा मानकर बाजार का रूख कर रहे हैं।क्रय केंद्रों पर आवक न होने के कारण कर्मचारी पूरे दिन किसानों का इंतजार ही कर रहे हैं। एक अप्रेल से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद प्रारम्भ हुई है लगभग एक सप्ताह तक क्रय केंद्रों पर आवक न होने के कारण खरीद ठप रही।इस बीच यह माना जा रहा था कि अभी खेतों से गेहूं कटने के बाद लगभग 15 अप्रेल से गेहूं की पूरी तरह से आवक प्रारंभ हो जाएगी।क्रय एजेंसियों की सोच अब फेल होती दिखाई देने लगी है।सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं 2125 रूपए प्रति कुंतल खरीदा जा रहा है। गेहूं यदि पतला है तो उसमें आठ से 18प्रतिशत तक कटौती की जा रही है जबकि किसान जब व्यापारियों को अपना गेहूं बेच रहा है तो वहीं गेहूं 2110 से 2115 रूपए प्रति कुंतल बिक रहा है। क्षेत्र के बड़े किसानों का कहना है कि जब घर से व्यापारी गेहूं खरीद रहा है तो सरकारी क्रय केंद्र पर वाहन भाड़ा व कटौती देकर बेचना कहां की बुद्धिमानी है।
*एक अप्रेल से अब तक हुई गेहूं की खरीद*
एक अप्रेल से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद शुरू हुई है जिले को 42000 एमटी गेहूं की खरीद का लक्ष्य दिया गया है खरीद प्रारम्भ होने के 18दिन बाद अब तक उतरौला क्रय कैंद्र पर बहुनी नहीं हुई है क्रय केंद्र प्रभारी निरंकार सिंह ने बताया कि बाढ़ के चलते एक माह गेहूं की बुआई पिछड़ गई थी जिसके चलते पैदावार पर भी असर पड़ा है।
वहीं बाजार का भाव भी लगभग 2000से 2100 रूपए प्रति कुंतल होने के कारण सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद प्रभावित हुआ है ।
असगर अली
उतरौला
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