मायावती दलित व महिला विरोधी, दोहरे चेहरे का समझ चुकी है जनता : स्वाती सिंह
- पूर्व मंत्री ने मायावती के ट्वीट का दिया करारा जवाब, मोदी व योगी को बताया, दलित व महिला हितैषी
लखनऊ, 01 मार्च। बसपा प्रमुख मायावती हमेशा से दलित और महिला विरोधी हैं। वे सिर्फ समाज में दिखावा करती हैं। क्या वे बता सकती हैं कि अपने पूरे कार्यकाल में किसी दलित को आगे बढ़ाया या किसी महिला को आगे बढ़ाने का काम किया। दलित समाज को आगे बढ़ाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है। ये बातें पूर्व मंत्री स्वाती सिंह ने कही।
वे बुधवार को मायावती द्वारा ट्वीट कर भाजपा को दलित विरोधी बताये जाने पर प्रतिक्रिया दे रही थीं। उन्होंने कहा कि मायावती का ही कार्यकाल था, जब उनके द्वारा भेजे गये गुंडों ने हमारे और हमारी नाबालिग बेटी पर हमला बोला था। क्या वे भूल गयीं, जब उनके गुर्गों ने हमें घर में कैदकर ईंट-पत्थर चलाए थे और उन्होंने उन्हें रोकने के लिए एक शब्द भी कहना उचित नहीं समझा।
स्वाती सिंह ने कहा कि मायावती के दोहरे चेहरे को जनता समझ गयी है। अब उनके छलावे में नहीं आने वाली है। यही कारण है कि कभी जनता को छलावे में रखकर विधानसभा में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली मायावती का मात्र एक विधायक विधानसभा में बचा है। आने वाले दिनों में उनकी पार्टी शून्य पर चली जाएगी।
यह बता दें कि बसपा प्रमुख मायावती ने बुधवार को दोपहर चार ट्वीट किये। उन्होंने पहले ट्वीट में लिखा, ‘कांग्रेस पार्टी द्वारा रायपुर अधिवेशन में जातीय जनगणना व प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण आदि को लेकर कही गई बातें छलावा तथा घोर चुनावी स्वार्थ की इनकी राजनीति नहीं तो और क्या है, क्योंकि सत्ता में होने पर कांग्रेस ठीक इसका उलटा ही करती है। बीजेपी का भी रवैया ऐसा ही छलावापूर्ण।’
दूसरे ट्वीट में लिखा, “साथ ही, प्रोन्नति में आरक्षण के चर्चित व महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर कांग्रेस व भाजपा द्वारा सपा को आगे करके सम्बंधित बिल को संसद में पारित नहीं होने देने के जातिवादी षडयंत्र को भला कौन भुला सकता है, जिसका अति-दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम इन वर्गों को आजतक भुगतना पड़ रहा है।”
भाजपा नेता स्वाती सिंह “हिन्दुस्थान समाचार” से वार्ता में इसी का जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ हमेशा सर्वजन हिताय की चिंता करते हैं। यूपी में हुए इंवेस्टर समिट से विपक्ष घबरा गया है। उसको समझ में नहीं आ रहा है कि जनता को कैसे भड़काया जाए। इस कारण विपक्षी तमाम अनर्गल मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाएंगे।
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