जलालपुर,अम्बेडकर नगर शुक्रवार को पवित्र रमजान के रोजे शुरू हुए तो बड़ो के साथ बच्चों में भी रोजा रखने का जज्बा देखा गया। एक ओर जहां तेज गर्मी में भूख प्यास बड़े बड़े तक सहन नहीं कर पाते वहीं दूसरी तरफ रमजान ने नन्हे मुन्ने बच्चों के रोजा रखने पर उन के हौसलों को सभी सलाम कर रहे हैं भियांव निवासी 7 साल की हिबा पुत्री नियाज ने अपनी जिंदगी का पहला रोजा रखा । पूरे दिन भूखे प्यासे हिबा ने मगरिब की अजान होने पर खजूर से रोजा खोला तो घर के बड़े बुजुर्गों ने दुआओं के साथ रोजा खुलाई दिया। हिबा की मां अफरोज बानों ने बताया कि उन की बेटी ने जिद कर के रोजा रखा 7 साल की उम्र में 14 घण्टे भूखे प्यासे रह कर उस ने वो सभी नियमों का पालन किया जो बड़े करते हैं सुबह सेहरी से लेकर मगरिब तक रोजे रखने के बाद हिबा ने अल्लाह से अच्छा इंसान बनने की दुआ मांगी हालांकि इस्लामी नजरिये से अभी इतने छोटे बच्चों पर रोजा फर्ज नहीं है मगर बच्चो की जिद के आगे परिजन मजबूरी में इन्हें रोजा रखने देते हैं।
बच्ची ने पहला रोजा रख नेक इंसान बनने की दुआ-----
विकाश कुमार निषाद हिंदी संवाद ब्यूरो चीफ अम्बेडकर नगर
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