जनकपुर,तुलसीपुर में चल रही श्रीरामकथा में उमड़ रही भक्तो की भीड़
श्री मुक्तेश्वर महादेव मंदिर,ग्राम जनकपुर,तुलसीपुर में चल रहे श्रीराम कथा के दूसरे दिन अयोध्या धाम से पधारे प्रेम मूर्ति युवा संत सर्वेश महाराज ने कहा कि देवी सती जी को विश्वास नहीं हुआ कि श्रीराम स्वयं ब्रह्म है।
उन्हें वह राजकुमार ही मान रही थी तब भगवान शिव ने कहा देवी अगर तुम्हें संदेह है तो जाकर परीक्षा ले लो तुलसी बाबा ने मानस में लिखा है जो तुम्हारे मन अति संदेहू । तौ किन जाय परीक्षा लेहू। जैसे जाइ मोह भ्रम भारी। करेहु सो जतनु बिबेक विचारी। लेकिन देवी सती ने सीता जी का रूप धारण कर और श्रीराम जी के सम्मुख जाकर के प्रणाम किया और कहा कि आपकी सीता का हरण नहीं हुआ है आपकी सीता तो आपके सामने खड़ी है लेकिन राम जी ने कहा शिव जी कहा है आप अकेली जंगल में क्यों फिर रही है दशरथ का पुत्र श्रीराम आपके चरणों में प्रणाम करता हैं । जब सती जी मुड़कर के दाहिने और बाएं आगे पीछे देखी तो वहां वहां हर स्थान पर राम सीता के साथ बैठे नजर आए तुलसी बाबा ने मानस में लिखा है जहां चितवहि तह प्रभु आसीना,सेवही सिद्ध मुनीस प्रबीना और उसके बाद शिवजी जान गए कि सती ने सीता का वेश धारण किया है अब मैं अगर पत्नी के रूप में स्वीकार करूं तो अधर्म होगा अनीति होगी और यह मैं करना नहीं चाहता इसलिए भगवान शिव ने सती जी का त्याग कर दिया शिव संकल्प किन्ह मन माही । यह तन सती भेंट अब नाही।। कथा के दौरान दिवाकर पाण्डेय,एसओ महराज गंज एसओ जरवा आदि मौजूद रहे।
उमेश चन्द्र तिवारी
9129813351
हिंदी संवाद न्यूज
बलरामपुर
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