रायबरेली, 17 मार्च 2023
शहरी क्षेत्र के अहिया रायपुर क्षेत्र में शुक्रवार को बच्चों में खसरे के संक्रमण को देखते हुए आउटरीच रिस्पांस टीकाकरण की गतिविधि आयोजित करायी गई जिसमे एएनएम के पूरे क्षेत्र के नौ से पाँच साल की आयु के लगभग सभी बच्चों को आऊटब्रेक रिस्पांस टीकाकरण (ओआरआई) गतिविधि के अंतर्गत मीजल्स और रूबेला (एमआर) का अतिरिक्त टीका आंगनबाड़ी और आशाओं के सहयोग से लगाया गया ।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अरुण कुमार ने कहा कि खसरा रोग बच्चों में होने वाला एक अत्यंत संक्रामक रोग है | इसके संपर्क में आने वाले लोगों का अगर टीकाकरण नहीं हुआ है, तो वे इसके शिकार हो जाते हैं | यह पैरामाइक्सो वायरस परिवार के एक वायरस के कारण होने वाली जानलेवा बीमारी है | यह बीमारी खाँसने छींकने, गले और नाक के स्राव तथा परस्पर संपर्क के माध्यम से फैलता है | खसरे से बचाव का एकमात्र उपाय टीकाकरण है | बच्चों में खसरा एवं रुबेला से बचाव के लिए एक संयुक्त टीका, एमआर साल 2017 में लांच किया गया था । संयुक्त टीके की खुराक से खसरा एवं रुबेला दोनों ही बीमारियों से बचाव होता है | एमआर की पहली खुराक नौ महीने की उम्र पर दी जाती है | इसके बाद 15 महीने की उम्र हो जाने पर दूसरी खुराक दी जाती है |
उन्होंने बताया कि पूरे क्षेत्र में छह एएनएम, क्षेत्र की आशा और आँगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा टीकाकरण करवाया गया है जो बच्चे किसी कारणवश एमआर के टीके से वंचित रह जाते हैं तो उन्हें नियमित टीकाकरण के साथ एमआर की अतिरिक्त खुराक दी जाती है |
जिला शहरी स्वास्थ्य समन्वयक विनय पांडे ने कहा कि जहां पर पाँच से अधिक बच्चों में खसरे के लक्षण दिखते हैं और कम से कम दो में रोग की पुष्टि होती है वहां ओआरआई गतिविधि संपादित कराई जाती है |
इस गतिविधि के तहत शुक्रवार को 413 बच्चों को एमआर के टीके से प्रतिरक्षित किया गया।
ओआरआई गतिविधि का पर्यवेक्षण जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ अरुण कुमार, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एस.एम.ओ. डॉ. सी.लाल, जिला शहरी स्वास्थ्य समन्वयक विनय पांडे और डब्ल्यूएचओ मॉनिटर अमरेश त्रिपाठी के द्वारा किया गया | साथ ही एएनएम नेहा कश्यप, सुनीता, सुरीता, नेहा सिंह, ऋतु और जनकनंदिनी आंगनबाड़ी प्रतिभा, सुनीता, सोनिया, आशा, पुष्पा देवी देव श्री, पूनम, श्यामा देवी द्वारा टीकाकरण कार्यक्रम में सहयोग किया गया है ।
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