जौनपुर। नोटिस चस्पा के बावजूद तालाब से नहीं हटा अवैध कब्जा
जौनपुर। मछलीशहर कस्बे के बरईपार चैराहे पर स्थित तालाब पर टीन शेड रखकर खुलेआम अवैध कब्जा कर लिया गया है और भविष्य में अपने उक्त अवैध कब्जे को पुख्ता करने के लिए अतिक्रमणकर्ता द्वारा बिजली का मीटर भी लगवा लिया गया है। उसे खाली कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी भी लगे हुए हैं लेकिन अतिक्रमणकर्ता के तहसील में ही शक्तिशाली वकील होने के कारण प्रशासन अवैध कब्जा की नोटिस चस्पा करवाने के बावजूद अवैध कब्जा नहीं हटा रहा है।
बताया गया कि आराजी नम्बर 1931 तालाब का मत्स्य पालन पट्टा मछली शहर तहसील में कार्यरत वरिष्ठ अधिवक्ता प्रेमचंद विश्वकर्मा ने अपनी पुत्रवधू ऋतंभरा विश्वकर्मा के नाम करा दिया। जबकि नियमत नगर पंचायत सीमा के अंतर्गत किसी व्यक्ति को पट्टा दिए जाने का अधिकार नहीं है। सबसे बड़ी आश्चर्यजनक और दिलचस्प तथ्य यह है कि पूरे तालाब का मत्स्य पालन पट्टा नहीं हुआ है बल्कि तालाब के एक चैथाई भाग का ही पट्टा किया गया है। उपरोक्त पट्टा अपनी कई खामियों के चलते निरस्तीकरण के लिए पत्रावली जिलाधिकारी कार्यालय में बीते जून महीने से है आदेश में लंबित है। इसी बीच पट्टा धारक द्वारा पूरे तालाब का पानी मशीन लगाकर सुखा दिया गया और तत्पश्चात एक तरफ का हिस्सा पाटकर वहां पर पहले एक झोपड़ी रखी गई। लोगों के विरोध करने पर तत्कालीन उपजिलाधिकारी ज्योति सिंह ने तालाब की पैमाइश करा कर नगर पंचायत प्रशासन से नोटिस चस्पा करवा दी कि उक्त अवैध कब्जे को तत्काल हटा लिया जाए। नगर पंचायत प्रशासन द्वारा नोटिस चस्पा करने का कारण यह था कि उक्त तालाब को नगर पंचायत द्वारा सौंदर्यीकरण में ले लिया गया है और वर्तमान में वहां पर सौंदर्यीकरण का कार्य चल भी रहा है लेकिन नोटिस चस्पा करने के बावजूद नाहीं तो प्रशासन ने उक्त अवैध कब्जे को हटवाया बल्कि नगर पंचायत भी उतने हिस्से को छोड़कर अपना सौंदर्यीकरण कार्य करवा रहा है।लोगों के विरोध करने पर सांसद बीपी सरोज ने उप जिलाधिकारी राजेश कुमार चैरसिया से संज्ञान में लेकर अवैध कब्जा हटवाने का निर्देश दिया। लेकिन महीनों बीतने के बावजूद उक्त कब्जा जब नहीं हटा तो सांसद जी ने जिलाधिकारी महोदय को अवगत कराते हुए भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज जायसवाल के नेतृत्व में भेजा। जिसमें जिला मीडिया प्रभारी अनुराग सिन्हा, संतोष जायसवाल , हरिओम गुप्ता सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे। जिलाधिकारी ने प्रार्थना पत्र पर तत्काल अधिशासी अभियंता मछलीशहर और उप जिलाधिकारी मछली शहर को आदेशित किया कि गलत ढंग से लगाए गए मीटर को हटवा दिया जाए और तालाब पर किए गए अतिक्रमण को मुक्त कराया जाए लेकिन जिलाधिकारी का आदेश पर रंग नहीं ला पाया और आदेश के 1 सप्ताह बीतने के बावजूद मौके पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं किए जाने से लोगों में रोष है। लोगों को कहना है कि प्रशासन की लचर नीतियों के चलते मछली शहर में सरकारी जमीनों पर भी कब्जा हो रहा है।
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