उतरौला (बलरामपुर) क्षेत्र में मनरेगा की प्रगति में कोई खास सुधार नही हुआ है।मनरेगा कार्य स्थलों पर मजदूरों की संख्या फरवरी माह के सापेक्ष लगभग 2500 कम हो गई है।
मनरेगा श्रमिकों को सौ दिन रोजगार देने के मामले में प्रगति लक्ष्य के सापेक्ष लगभग तैंतीस फीसदी है वित्तीय वर्ष के सिर्फ दो सप्ताह शेष हैं सभी सरकारी विभागों में विभिन्न योजनाओं में लक्ष्य पूर्ति और आवंटित धनराशि के खर्च को लेकर फाइलें तेजी से दौड़ाई जा रही हैं ग्राम विकास विभाग में मनरेगा का काम काफी पीछे है।मजदूरी मार्केट रेट से कम होने के कारण रोजगार की मांग पैदा करने में पंचायत सचिव,रोजगार सेवक और अन्य मनरेगा कर्मी सफल नही हो पा रहे हैं।अधिकांश प्रधानों का ध्यान इस समय प्रधानमंत्री आवास योजना और वित्त आयोग के कार्यों पर है द्विव्यांग शौचालयों और बाउन्ड्री वाल के निर्माण के कार्य तेजी से चल रहे हैं।परन्तु मनरेगा में श्रमिकों की संख्या बढ़ने के बजाय घट रही है।पिछले माह फरवरी में मनरेगा के कार्यों में 61 गांवों में मजदूरों की स़ंख्या 2800 थी। 18 मार्च कोयह संख्या घटकर 599 हो गई है, उतरौला ब्लाक के कई मनरेगा कर्मियों ने बताया कि मजदूरों की मजदूरी का भुगतान समय से न होने के कारण लोग काम करने को तैयार नही हैं इसलिए आगे का काम प्रभावित हुआ है।
एपीओ मनरेगा गुलाम रसूल ने बताया कि आखिरी वित्तीय वर्ष चल रहा है अप्रेल माह से मनरेगा मजदूरों की संख्या में वृध्दि होने की उम्मीद है।
असगर अली
उतरौला
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