राजकुमार गुप्ता
यूनानी चिकित्सा अधिक उपयोगी क्यों __यूनानी चिकित्सा की यूनानी दवाईयों को शुद्ध और ताज़ा प्राकृतिक जड़ी बूटियों , खनिजों और लवणों से निर्मित की जाती हैं । इन्हें अर्क , शर्बत , गोलियों , कैप्सूल , पाउडर या चटनियों के रुप में बनाई जाती हैं । यूनानी दवाइयां किसी भी तरह से कोई साईड इफेक्ट नहीं करती हैं । ये दवाइयां रोग को समूल नष्ट तो करती ही हैं , साथ ही लम्बे समय तक शरीर में प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाएं रखती हैं जिससे कोई भी रोग आसानी से शरीर में प्रवेश नहीं कर पाता है । इसीलिए यूनानी दवाईयां रोगों से मुक्ति तो दिलाती ही है साथ ही उम्र को बढ़ाती भी हैं । ऐसे में लोगों को यूनानी चिकित्सा की और आना चाहिए और शरीर की इम्युनिटी पॉवर ( स्वतः प्रतिरक्षा प्रणाली ) बढ़ाना चाहिए ताकि बार बार बीमार होने से बचेंगे । किसी भी निकटतम डिग्रीधारी यूनानी चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए । 

आम लोगों और सरकार को रसायनों से निर्मित दवाईयों पर  मंथन करना चाहिए ताकि आने वाला कल मानव जीवन सुखी रह सकें । आज ज्यादातर रसायनों का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा हैं जिस पर नियन्त्रण ज़रूरी हैं वरना आने वाले समय में मानव जीवन सबसे ज्यादा खतरे में पड़ सकता हैं । ज्यादातर रसायनों का प्रयोग हम या तो पेस्टीसाइड्स के रुप में या अंग्रेज़ी दवाओं के रुप में खा रहें हैं । पेस्टिसाइड्स शरीर में जाकर इम्युनिटी पॉवर को कमज़ोर तो कर ही रहें हैं साथ ही अनगिनत बीमारियों को जन्म भी दे रहें हैं । गले, पेट के कैंसर तो  बढ़ ही रहें हैं ,  साथ ही शरीर के कहीं सारे अंग अपनी क्रियाविधि से अनियंत्रित स्थिति में आ रहें हैं जिससे गुर्दे , लीवर , दिल की बीमारियां बढ़ती जा रही हैं । 
 इसी तरह से मिलावटी दूध में भी कहीं तरह के रसायनों का प्रयोग करके शरीर की इम्युनिटी पॉवर को शून्य की ओर धकेल रहे हैं  । 
इसी तरह से रसयनों से बनी दवाईयां भले ही संक्रमण में अधिक लाभदायक है इसमें कोई संदेह नहीं है । मगर ये एक रोग को ठीक करने के साथ साथ हमारे शरीर में अन्य कहीं तरह के साईड इफेक्ट भी छोड़ जाती हैं । इन दवाओं से जितनी जल्दी यौवनावस्था आ रही हैं उतनी ही जल्दी वृद्धावस्था भी आ रहा हैं । आज के दौर में इंसान ऐसी दवाईयां का सेवन बहुत ज्यादा कर रहा हैं । इन दवाओं को ज्यादा इस्तेमाल करने से लीवर , गुर्दे खराब तो हो ही रहें हैं साथ में इनसे शरीर में हार्मोनल बदलाऊ आने से कहीं बीमारियों को आमंत्रण भी कर ही रहें है । आजकल महिलाओं में दवा के रुप में अधिक सेक्स हार्मोन्स देने से स्तन , एंडोमेट्रियम और अंडाशय में कैंसर की बढ़त भी दिखाई दे रही हैं । इसी तरह पुरुषों में भी दवा के रुप में सेक्स हारमोन देने से प्रोस्टेड या अन्य कैंसर देखने में आ रहे हैं । इन सबको देखते हुए रसायनिक दवाओं का प्रयोग लगभग बन्द कर देना चाहिए केवल इन्हें इमरजेंसी में ही उपयोग करें । 

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