उतरौला(बलरामपुर) लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से निर्मित बस स्टेशन उतरौला पर क‌ई वर्षों से बसस्टेशन प्रबंधक तैनात नहीं है। विभाग ने बस स्टेशन उतरौला का प्रबंधन एक विकलांग कर्मचारी को तैनात कर रखा है। 
वहीं इस स्टेशन पर बने यात्री विश्रामालय, बस स्टेशन कार्यालय व स्टेशन के जलपान गृह बंद रहने से इस स्टेशन पर यात्री आने से कतराते हैं।
बस स्टेशन उतरौला के स्थापना के लगभग डेढ़ सौ वर्ष बीत गए हैं। नगर के मध्य महत्वपूर्ण स्थान पर बने पुराने बस स्टेशन की खस्ता हालत व जर्जर भवनों को देखते हुए शासन ने लगभग दस वर्ष पहले इसके पुर्ननिर्माण के लिए विभाग को लगभग डेढ़ करोड़ रुपए आवंटित किए थे।‌ शासन से धन मिलने के बाद विभाग ने इसको आधुनिक बस स्टेशन बनाया। आधुनिक बस स्टेशन बनने के बाद विभाग ने इस  बस स्टेशन पर यात्रियों के लिए सुविधाएं नहीं बढ़ाई।‌ उतरौला तहसील क्षेत्र के आधे से अधिक आबादी के लोगों को रोडवेज बस की सुविधा नहीं मिल रही है। उतरौला से रेहरा बाजार होते हुए सादुल्लाह नगर तक के लिए रोडवेज बस न होने से यात्रियों को कचहरी व अन्य सरकारी कार्य के लिए जिला मुख्यालय आने के लिए निजी बसों का सहारा लेना पड़ता है। वहीं उतरौला से बलरामपुर या बलरामपुर से उतरौला को जाने आने के लिए रात्रि बस सेवा नहीं है। वहीं तुलसीपुर आने जाने के लिए विभाग ने अभी तक परिवहन सेवा शुरू ही नहीं की। तुलसीपुर बस सेवा न होने से उतरौला वासियों को निजी बसों से बलरामपुर होकर देवी पाटन मंदिर या तुलसीपुर जाना पड़ता है। एक तहसील से तुलसीपुर तहसील मुख्यालयों की बस सेवा न होने से यात्रियों को गौरा चौराहा से होकर तुलसीपुर को निजी वाहनों से जाना पड़ता है। बस स्टेशन उतरौला पर यात्रियों के जलपान के लिए बनाए गए जलपान गृह बनने के दसों वर्ष बीतने पर विभाग ने उसको बंद कर रखा है। जलपान गृह का विभाग द्वारा नीलामी कराकर दूकान न खोलें जाने से उस पर ताला अभी तक पड़ा है। स्टेशन पर बुकिंग क्लर्क, स्टेशन प्रबंधक के पद रिक्त होने से स्टेशन की व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। बस स्टेशन पर भारी अव्यवस्था होने से लखनऊ, बस्ती, कानपुर, राठ समेत कई जगहों से आने वाली बसें बस स्टेशन पर न आकर आसाम रोड चौराहे से होकर चली जाती है। न। एआर एम बीरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि उतरौला से रेहरा बाजार से सादुल्लाह नगर की एक बस सेवा कुछ दिन पहले चलाई गई थी लेकिन उस मार्ग पर आय कम होने से मुख्यालय के आदेश से बंद करा दिया गया है। स्टेशन पर रिक्त कर्मचारियों के लिए नई नियुक्त न होने से वहां पर तैनाती नहीं हो सकी है। 
स्टेशन पर रिक्त कर्मचारियों की तैनाती के लिए शासन व उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।

असगर अली
उतरौला 

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