जलालपुर,अंबेडकरनगर।सुरहुरपुर की पावन भूमि में मौर्य बंशज प्रियदर्शी सम्राट अशोक महान की जयंती अमित मौर्य के नेतृत्व में धूमधाम से मनाई गई। मुख्यातिथि अधिवक्ता अजीत कुमार यादव ने भगवान बुद्ध के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुवात किया। उन्होंने कहा कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है। भगवान बुद्ध के उपासक सम्राट अशोक द्वारा किए गए जनहित कार्यों से उनकी देश में ही नहीं पूरे विश्व में ख्याति मिली।आज महान अशोक का चक्र भारतीय ध्वज में अपनी चमक बिखेर रहा है। सम्राट का राज चिन्ह चारमुखी शेर, सत्यमेव जयते आदि सरकारी प्रचनल तो है किंतु इस महान सम्राट को याद करने वाले कम है।इनकी गाथा किताबी अध्यनन तक सिमट गई है।यही अकेले भारतीय राजा है जिन्होंने भेद भाव रहित समाज की स्थापना कर अखंड भारत का निर्माण किया था।ऐसे महान पुरुष कभी कभार जन्म लेते हैं। विशिष्ठ अतिथि जिपस आलोक कुमार यादव ने कहा महान सम्राट अशोक की ख्याति पूरे विश्व में थी। सम्राट ने अध्ययन के लिए कुल 23 विश्वविद्यालयों की स्थापना किया था। तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, कंधार विश्वविद्यालय समेत अन्य विश्वविद्यालयों में विदेश के छात्र भी अध्ययन करने आते थे। रजनीश मौर्य ने कहा कि सम्राट अशोक के शासन काल में भारत विश्व गुरु बना।इन्ही के शासन काल में भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। ग्रांड टैंक रोड, पहली बार पशु और मानव अस्पताल बनाकर परोपकार किया। इसके पहले कार्यक्रम आयोजक ने मुख्यातिथि अजीत कुमार यादव और विशिष्ठ अतिथि आलोक कुमार यादव को पुष्प गुच्छ और पट्टिका पहना कर स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजित राम मौर्य और संचालन अमित मौर्य ने किया। कार्यक्रम में अधिवक्ता कुंवर बहादुर यादव, महेन्द्र मौर्य, हरिशंकर यादव, वीरेंद्र मौर्य, मनीष शर्मा, राजेश मौर्य, दिनेश मौर्य आदि ने अपने विचार व्यक्त किया। शैलेंद्र मौर्य, कृष्ण कुमार मौर्य, जय प्रकाश गुप्ता, आलोक गौड़, सुभम अग्रहरी, मोहम्मद मेराज,प्रधान वीरेन्द्र यादव आदि व्यवस्था में लगे रहे।

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