राजकुमार गुप्ता
वृन्दावन।पानीघाट-परिक्रमा मार्ग स्थित चैतन्य कुटी आश्रम में ब्रज के प्रख्यात संत बाबा गोविंददास भक्तमाली महाराज का नव-दिवसीय निकुंज लीला प्रविष्ट महोत्सव चतु:सम्प्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाया गया।जिसके अन्तर्गत श्रीमद्भागवत,रासलीला,भजन संध्या, हरिनाम संकीर्तन एवं संत-विद्वत सम्मेलन आदि के कार्यक्रम सम्पन्न हुए।
संत-विद्वत सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि संत प्रवर बाबा गोविंददास भक्तमाली महाराज साक्षात भक्तमाल स्वरूप थे।नाम निष्ठा,धाम निष्ठा,भाव निष्ठा एवं भजन निष्ठा उनके जीवन का अभिन्न अंग थे।उन जैसे संतों के दर्शन मात्र से ही जीव का कल्याण हो जाता है।
चतु:सम्प्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज व महामंडलेश्वर चित्तप्रकाशानंद महाराज ने कहा कि बाबा गोविंददास भक्तमाली महाराज अत्यंत सेवा भावी संत थे।अपने पास आने वाले किसी भी संतों - भक्तों एवं दर्शनार्थियों को वे बिना प्रसाद दिए नहीं जाने देते थे।भव सागर से तरने के लिए बाबा महाराज जैसे संतों का सानिध्य परम् आवश्यक है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ गोपाल चतुर्वेदी एवं डॉ. राधाकांत शर्मा ने कहा कि निकुंजवासी संत बाबा गोविंददास भक्तमाली महाराज को भगवद कथा, सत्संग,भजन एवं कीर्तन से अत्यधिक प्रेम था।बाबा महाराज के हृदय में सहजता, सरलता, उदारता और परोपकारिता आदि अनेकानेक सद्गुणों का समावेश था।
इस अवसर पर शरणागति आश्रम के महंत बिहारीदास भक्तमाली,आचार्य गोपाल भैया महाराज,ब्रजाचार्य बाबा कर्मयोगी महाराज,ब्रजकिशोर दास भक्तमाली, राममोहन दास महाराज, आचार्य हरिप्रसाद द्विवेदी, ब्रजबिहारी दास भक्तमाली, गोपीरमण दास महाराज, राधाविनोद दास महाराज (बरसाना), हरिचरण दास महाराज, गोविंददास महाराज, राधाचरण दास महाराज,बाबा मोहनदास महाराज, गौरांगचरण दास महाराज आदि ने भी अपने विचार व्यक्त कर बाबा महाराज को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
संचालन गिरधर गोपाल शास्त्री (भक्तमाली) ने किया।
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