सभी जिलों में बनाएं डेडिकेटेड हॉस्पिटल, इन्फ्लूएंजा और कोविड

मरीजों को मिले तत्काल इलाज: मुख्यमंत्री


उत्तर प्रदेश में नियंत्रण में है कोविड संक्रमण, मुख्यमंत्री का निर्देश

,बढाएं टेस्ट, रहें सतर्क


आगामी 01 अप्रैल से शुरू होगा संचारी रोग अभियान और स्कूल चलो

अभियान


सांसद, विधायक, जिला/क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान सहित हर

जनप्रतिनिधि की होगी सहभगिता


गंभीर रोग से ग्रस्त और वृद्धजन भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में आवागमन

से बचें


प्रयागराज कुंभ-2025 से पहले प्रदेश को मिलेगा 'गंगा एक्सप्रेस-वे का

उपहार


यातायात प्रबंधन के लिए बनाएं ठोस कार्ययोजना, तत्काल हटाएं अवैध

वाहन स्टैंड: मुख्यमंत्री


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सोमवार को प्रदेश में कोविड-19

और इन्फ्लुएंजा की स्थिति का आकलन करने के लिए टीम-09 के

साथ उच्च-स्तरीय बैठक की। बैठक में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और

लॉजिस्टिक संबंधी तैयारी, टीकाकरण अभियान की स्थिति, कोविड-19

के नए वेरिएंट और इन्फ्लुएंजा के वेरिएंट का संक्रमण से बचाव और

आमजन की स्वास्थ्य सुरक्षा के सम्बंध में आवश्यक दिशा-निर्देश

दिए:-

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● विगत 07 दिनों में प्रदेश में लगभग 02 लाख 20 हजार टेस्ट किए

गए और 265 कोविड पॉजिटिव मरीज पाए गए। प्रदेश में प्रति 10

लाख की आबादी पर 01 कोविड पॉजिटिव मरीज है। वर्तमान में 262

एक्टिव केस हैं और किसी की स्थिति गंभीर नहीं है। सभी घर पर

स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। वर्तमान में देश में किए जा रहे कुल

कोविड टेस्ट का 35-40% टेस्ट उत्तर प्रदेश में हो रहा है। सतर्कता और

सुरक्षा के दृष्टिगत इसे और बढ़ाए जाने की जरूरत है।


● बीते सप्ताह के परिणाम बताते हैं कि लखनऊ, गाजियाबाद और

गौतमबुद्ध नगर में सर्वाधिक केस मिले हैं। यहां विशेष सतर्कता की

आवश्यकता है। लखीमपुर के एक विद्यालय में पॉजिटिव पाई गई

सभी लोगों की स्थिति ठीक है। सभी को क्वारेन्टीन किया गया है।

इनके स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जाए।


● उत्तर प्रदेश कोविड टीकाकवर से सुरक्षित है। सर्वाधिक टीकाकरण

उत्तर प्रदेश में हुआ है। ऐसे में किसी बड़े खतरे की आशंका न्यून है।

आगामी दिनों के मंदिरों व अन्य धर्मस्थलों में लोगों का आवागमन

बढ़ेगा। ऐसे में संक्रमण प्रसार की संभावना हो सकती है। ऐसे में

गंभीर रोग से ग्रस्त, वृद्धजन भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में आवागमन से

यथासंभव बचने का प्रयास करें। यदि जाएं तो मास्क लगाकर ही

जाएं। इस संबंध में लोगों को जागरूक किया जाए। पब्लिक एड्रेस

सिस्टम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए।


● कोविड से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश में सभी संसाधन उपलब्ध हैं।

देश में बढ़ते केस को देखते हुए तत्काल सभी 75 जिलों में कोविड

डेडिकेटेड हॉस्पिटल चिन्हित किए जाएं। विगत वर्ष स्थापित सभी

ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हों। अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों को

उपलब्ध कराए गए वेंटिलेटर एक्टिव हों। पैरामेडिकल स्टाफ की

तैनाती हो। जहां वेंटिलेटर हो वहां एनेस्थेटिक की तैनाती जरूर की

जाए।


● कोविड के साथ-साथ इन्फ्लूएंजा के संदिग्ध मरीजों की निगरानी की

जाए। आगामी 11-12 अप्रैल को पूरे प्रदेश में अस्पतालों में मॉक ड्रिल

करते हुए अपनी तैयारियों की परख की जाए।


● प्रतिवर्ष अप्रैल, जुलाई, अक्टूबर में संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण

के लिए अंतर्विभागीय समन्वय के साथ विशेष अभियान संचालित


होता है। इस वर्ष 01 अप्रैल से इसका नवीन चरण प्रारंभ हो रहा है।

अभियान को प्रभावी बनाना सामूहिक जिम्मेदारी है। सरकारी प्रयास

के साथ-साथ जनसहभागिता भी महत्वपूर्ण है।


● संचारी रोग अभियान की सफलता के लिए अंतर्विभागीय समन्वय

महत्वपूर्ण आधार है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, मेडिकल एजुकेशन, ग्राम्य

विकास, नगर विकास, महिला बाल विकास, कृषि, बेसिक माध्यमिक

शिक्षा द्वारा अंतर्विभागीय समन्वय के साथ स्वच्छता और स्वास्थ्य

सुरक्षा का ठोस प्रयास किया जाए। अभियान के दौरान मंत्रीगण जिलों

में उपस्थित होंगे। आमजन के साथ विभिन्न कार्यक्रमों में प्रतिभाग

करेंगे। पंचायती राज और नगर विकास विभाग द्वारा जनसहयोग के

माध्यम से स्वच्छता का अभियान चलाया जाए।


● सतत, समन्वित प्रयासों से बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में

बच्चों के नामांकन में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। इस वर्ष आगामी 01

अप्रैल से प्रदेशव्यापी 'स्कूल चलो अभियान' प्रारंभ किया जा रहा है।

संचारी रोग अभियान की भांति इस स्कूल चलो अभियान में सांसद,

विधायक, जिला/क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान सहित हर

जनप्रतिनिधि की होगी सहभगिता सुनिश्चित की जाए।


● स्वामित्व, घरौनी और वरासत जैसे कार्यक्रमों ने आमजनमानस को

बड़ी सुविधा प्रदान करने में सफलता प्राप्त की है। इनकी अद्यतन

स्थिति की समीक्षा की जाए। अब तक 60 लाख से अधिक ग्रामीणों


को घरौनी प्रदान की जा चुकी है। ड्रोन सर्वेक्षण के कार्य भी पूरा हो

चुका है। हमारा लक्ष्य हो कि इस वर्ष के अंत तक सभी पात्र ग्रामीणों

को उनके घरों का मालिकाना हक देने वाला प्रमाण पत्र "घरौनी" मिल

जाए।


● बड़े शहरों में ट्रैफिक जाम की समस्या है। इसके लिए ठोस

कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि

प्रदेश के किसी भी जनपद में अवैध टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड/रिक्शा स्टैंड

संचालित न हों। ऐसे स्टैंड पर अवैध वसूली होने को बढ़ावा देते हैं।

जहां कहीं भी ऐसी गतिविधियां संचालित हो रही हों, उन्हें तत्काल बंद

कराया जाए। रेहड़ी-पटरी व्यवसायियों और वाहन पार्किंग स्टैंड के लिए

स्थान चिन्हित हों। रास्ता जाम कर स्टैंड न बनाये जाएं।


● औद्योगिक परियोजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए लैंडबैंक

बड़ी आवश्यकता है। सभी विकास प्राधिकरणों को लैंडबैंक विस्तार के

लिए मिशन मोड में काम करना होगा। प्रदेश के विकास की दृष्टि से

उपयोगी औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि की कोई कमी नहीं है।

राजस्व विभाग, औद्योगिक विकास विभाग और विकास प्राधिकरण

समन्वय के साथ लैंडबैंक विस्तार के लिए कार्य करें।


● पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे का

निर्माण कार्य में तेजी की अपेक्षा है। हमारा लक्ष्य है कि प्रयागराज


कुंभ 2025 से पूर्व मेरठ से प्रयागराज तक का यह एक्सप्रेस-वे

आमजनता के लिए उपलब्ध हो।


● वित्तीय वर्ष 2022-23 समाप्त होने वाला है। ऐसे में मुख्य सचिव

स्तर से राजस्व संग्रह की स्थिति की समीक्षा की जाए। आमजन की

सुविधा का ध्यान रखते हुए राजस्व में बढ़ोतरी के नवीन प्रयास किए

जाएं। विभागों को आवंटित बजट का समुचित और समयबद्ध उपयोग

सुनिश्चित किया जाए।


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सारस और बारहसिंघा के लिए जंगलों में विकसित किये जाएं विशेष

पार्क : योगी आदित्यनाथ


- मुख्यमंत्री ने सीएसआर फंड से वन विभाग को प्राप्त मोटर बाइक्स

और स्कूटी का किया फ्लैग ऑफ


- सीएम योगी ने 26वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता के

पदक विजेताओं से की मुलाकात


- वृक्षारोपण जन आंदोलन 2022 की कॉफी टेबल बुक का सीएम ने

किया विमोचन


- मुख्यमंत्री ने जलोत्सव माह का किया शुभारंभ


लखनऊ, 27 मार्च। प्रदेश के घने जंगलों में राज्य पक्षी सारस और

राज्य पशु बारहसिंघा के लिए विशेष पार्क विकसित किये जाने

चाहिए। साथ ही वन विभाग प्रदेश के जंगलों को ईको टूरिज्म के रूप

में डेवलप करने के लिए सकारात्मक भाव के साथ कार्य करे। वनों में

मौजूद जलराशियों की साफ सफाई और उनकी मेड़ों पर व्यापक पैमाने

पर वृक्षारोपण अभियान को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। वन विभाग

ऐसे विभागों को चिह्नित करे, जिनसे पर्यावरण और वन संपदा को

सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है। इसके बाद उनकी सीएसआर निधि

को पर्यावरण संरक्षण के लिए कैसे उपयोग कर सकते हैं, इसके लिए

जल्द से जल्द एक व्यवस्था तैयार करें। ये बातें मुख्यमंत्री योगी

आदित्यनाथ ने सोमवार को वन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम के

दौरान कही। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर हीरो मोटर कॉर्प लि. की ओर

से सीएसआर फंड से वन विभाग को प्रदान की गई मोटरसाइकिल

और स्कूटी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान मुख्यमंत्री

ने जलोत्सव माह का भी शुभारंभ किया।


यूपी वन विभाग की स्पोर्ट्स टीम को सीएम ने दी शुभकामनाएं

इससे पहले मुख्यमंत्री ने 26वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद

प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने और पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों

से संवाद किया। इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश के वन

विभाग की टीम को 12 स्वर्ण, 18 रजत और 13 कांस्य पदक प्राप्त


हुए हैं। मुख्यमंत्री ने सभी खिलाड़ियों को इस उपलब्धि पर

शुभकामनाएं देते हुए उनका अभिनंदन किया। सीएम योगी ने इस

अवसर पर वृक्षारोपण जन आंदोलन 2022 की कॉफी टेबल बुक का भी

विमोचन किया।


वन विभाग के कंधों पर पर्यावरण संरक्षण की बड़ी जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग के कर्मचारियों के ऊपर आज बड़ी

जिम्मेदारी है। पूरी दुनिया आज इस बात के लिए चिंतित है कि पृथ्वी

का क्या होगा, क्योकिं दुनियाभर में पर्यावरण परिवर्तन देखने को मिल

रहा है। ऐसे दौर में पर्यावरण संरक्षण को लीड करना सबसे बड़ी

आवश्यक्ता है। जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम से ना केवल मनुष्य

बल्कि पूरी जीव सृष्टि को बचाना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।


यूपी में 6 साल में 100 करोड़ से ज्यादा वृक्षारोपण

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य संपदा को और वन्य जीवों की सुरक्षा के

लिए सीएसआर फंड से हीरो मोटरकॉप के द्वारा 250 मोटरसाइकिल

और 35 स्कूटी प्रदान की गयी है। पहली बार देख रहा हूं कि

सीएसआर के फंड का इतना बड़ा उपयोग वन विभाग कर रहा है।

हमारा प्रयास होना चाहिए कि पर्यावरण को जो लोग किसी भी स्तर

पर नुकसान पहुंचा रहे हैं, उनकी सीएसआर की निधि का प्रयोग

पर्यावरण, वन्य जीवों के संरक्षण के लिए प्रयोग कर सकें। सीएम

योगी ने बताया कि पिछले 6 वर्ष में प्रदेश में 100 करोड़ से अधिक

वृक्षारोपण हुआ है, जिससे यूपी का फॉरेस्ट कवरेज बढ़ा है। साथ ही


साथ यूपी के वनों में वन्यजीवों की संख्या बढ़ी है। जो जंगल

अनवरत काटे जा रहे थे उन्हें नियंत्रित किया गया है। अवैध खनन

को प्रतिबंधित किया गया है। हर स्तर पर वन्यजीवों की सुरक्षा के

लिए पुख्ता कदम उठाए गये हैं। इसके अलावा अन्य कार्यक्रम भी हुए

हैं, जिसमें टाइगर रिजर्व के लिए नई साइट बन रही हैं और वेटलैंड

घोषित किये जा रहे हैं।


वन महोत्सव पर चलाएं विशेष अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस अवसर पर जलोत्सव माह की घोषणा

हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में हजारों अमृत सरोवर बनाए

गये, जहां व्यापक तौर पर वृक्षारोपण का कार्य हुआ। हम ये कार्य

जंगल के जलाशयों को लेकर भी शुरू कर सकते हैं। उन्होंने आह्वान

किया कि इस बार वन महोत्सव के दौरान जलाशयों के मेड़ पर

व्यापक रूप से वृक्षारोपण का कार्यक्रम शुरू किया जाए। हमें गंगा

और यमुना के आसपास नये वेटलैंड को बनाना होगा। जंगलों को ईको

टूरिज्म के रूप में विकसित करना होगा। राज्य पशु बारहसिंघा और

और राज्य पक्षी सारस के संरक्षण के लिए जंगलों के बीच में विशेष

पार्क विकसित किये जाएं। हमें इन सभी कार्यों को सकारात्मक भाव

से आगे बढ़ाना होगा।


वन विभाग के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से

पर्यावरण वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना, राज्यमंत्री केपी मलिक, मुख्य

सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव पर्यावरण वन मनोज सिंह,


प्रधान मुख्य वन संरक्षक ममता संजीव दुबे, हीरो मोटर कॉर्प के राजेश

मुखेजा और वन विभाग के अधिकारीगण मौजूद रहे।

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