मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर में श्री चित्रगुप्त मन्दिर सभा
के स्थापना दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित किया
139.80 लाख रु0 लागत के पर्यटन
विकास एवं सौन्दर्यीकरण कार्यों का लोकार्पण किया
हम सबको अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए,
क्योंकि हम अपनी विरासत को विस्मृत करके कभी आगे नहीं बढ़
सकते और न ही कोई समाज आगे बढ़ सकता : मुख्यमंत्री
अगली पीढ़ी का दायित्व है कि प्राप्त विरासत का संरक्षण करते हुए
न केवल उसे सुरक्षित रखे, बल्कि अभिवृद्धि करने का प्रयास करे,
अगली पीढ़ी विरासत में अभिवृद्धि करती हुई दिखाई दे, यही विकास
विकास की प्रक्रिया में वास्तव में केवल एक समुदाय विशेष का विकास नहीं
होता, बल्कि सम्पूर्ण समाज के समग्र विकास की आधारशिला तैयार होती है
राष्ट्र सेवा, राष्ट्र समर्पण, राष्ट्र भक्ति और भारतीयता के प्रति पूर्ण समर्पण के भाव की हमारी समृद्ध विरासत, इस पर हर भारतीय गौरव की अनुभूति कर सकता है
प्रदेश सरकार ‘त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये’ के भाव के साथ कार्य कर रही
चित्रगुप्त मन्दिर, मुंशी प्रेमचन्द, फिराक गोरखपुरी जी की समृद्व
परम्परा के बारे में जो कुछ भी करने का अवसर राज्य सरकार
को प्राप्त होगा, प्रदेश सरकार उसमें भरपूर सहयोग करेगी
लखनऊ : 13 मार्च, 2023
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर में श्री चित्रगुप्त मन्दिर सभा के स्थापना दिवस के अवसर पर 139.80 लाख रुपये लागत के पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण कार्यां का लोकार्पण किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम सबको अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए, क्योंकि हम अपनी विरासत को विस्मृत करके कभी आगे नहीं बढ़ सकते और न ही कोई समाज आगे बढ़ सकता है। अगली पीढ़ी का दायित्व है कि प्राप्त विरासत का संरक्षण करते हुए न केवल उसे सुरक्षित रखे, बल्कि अभिवृद्धि करने का प्रयास करे। अगली पीढ़ी विरासत में अभिवृद्धि करती हुई दिखाई दे, यही विकास है। विकास की प्रक्रिया में वास्तव में केवल एक समुदाय विशेष का विकास नहीं होता है, बल्कि सम्पूर्ण समाज के समग्र विकास की आधारशिला तैयार होती है।
संविधान सभा के अध्यक्ष तथा देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद जी की भूमिका को कौन विस्मृत कर सकता है। उन्होंने राष्ट्रपति पद पाने के बाद भी अपनी परम्परा और विरासत को नहीं छोड़ा और सदैव अपने जीवन का हिस्सा बनाये रखा। स्वामी विवेकानन्द जी ने अपने ध्येय वाक्य ‘गर्व से कहो हम हिन्दू हैं’ से सभी भारतवासियों को अपनी परम्परा पर गौरव की अनुभूति करने को प्रेरित किया था।
चीन के साथ हुए युद्ध के तीन वर्ष के अन्दर ही जब पाकिस्तान ने भारत पर फिर से युद्ध थोपा था। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के नेतृत्व में देश की बहादुर सेना ने मजबूती के साथ युद्ध किया और पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिये थे। देश ने विजयश्री को वरण किया था। देश में खाद्यान्न आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को लेकर उनके शब्द इस देश के लिए मंत्र बनकर उभरे थे। देश की आजादी के लिए ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का आह्वान नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने किया था। कौन ऐसा भारतीय होगा, जो इस पर गौरव की अनुभूति न करता हो।
राष्ट्र सेवा, राष्ट्र समर्पण, राष्ट्र भक्ति और भारतीयता के प्रति पूर्ण समर्पण के भाव की हमारी समृद्ध विरासत है। इस पर हर भारतीय गौरव की अनुभूति कर सकता है। भगवान चित्रगुप्त का यह मन्दिर स्थापना काल से ही राष्ट्र प्रेरणा व राष्ट्र भक्ति की स्थली के रूप में निरन्तर समाज के हर तबके को ऊर्जा प्रदान करता रहा है। प्रदेश सरकार ‘त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये’ के भाव के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि चित्रगुप्त मन्दिर, मुंशी प्रेमचन्द, फिराक गोरखपुरी जी की समृद्व परम्परा के बारे में जो कुछ भी करने का अवसर राज्य सरकार को प्राप्त होगा, प्रदेश सरकार उसमें भरपूर सहयोग करेगी।
कार्यक्रम को श्री चित्रगुप्त मन्दिर सभा के अध्यक्ष श्री सत्यव्रत लाल श्रीवास्तव सहित अन्य लोगों ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरुण कुमार सक्सेना सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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