राजकुमार गुप्ता
मथुरा।।छाता ब्रज मंडल कान्हा की दिव्य लीला का स्थान है उसी में राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित छाता में स्थित चतुर्भुज महाराज का विशाल मंदिर है यहां की ठाकुर चतुर्भुज द्वारा दिव्य लीला की गई थी 
ठाकुर अपने भक्तों की प्राणों की रक्षा व कारावास से बचाने के लिए सफेद संगमरमर के रंग से एक दम काले रंग में बदल गए । आज से 700 साल पहले जयपुर के महाराजा ने चतुर्भुज महाराज  की दो मूर्तियां बनवाई कारीगर छाता का रहने वाला था उसके मन में आया क्यों ना एक मूर्ति में अपने पैतृक गांव में मंदिर बनाकर स्थापित की जाय जब वो उस प्रतिमा को बना रहा था उसके स्वरूप को देखकर मोहित जो गया वह मूर्ति लेकर पैदल 28 दिन के अंदर अपने गांव छाता आ गया उसने गाँव के लोगो को इकठ्ठा कर पूरा वत्तान्त सुनाया  बोला कि मुझे यह ठाकुर की मूर्ति स्थापित करानी है सब लोगों ने डर के वजह मना किया कि राजा मरवा देगा किंतु वह नहीं माना उसके जिद के आगे सब ठाकुर को भी रूप बदलना पड़ा झुकना पड़ा और मूर्ति यहां स्थापित कर दी गई राजा को पता लगा तो पूरी सेना लेकर सेनापति गांव को घेर लिया पर तब तक ठाकुर जी के शयन हो चुके थे मूर्तिकार बोला सुबह दर्शन करेंगे अगर आप की मूर्ति होगी तो आप ले जाइए  सेनापति ने कहा अगर मूर्ति हमारी हुई तो तुझे आजीवन कारावास दे दिया जाएगा कारीगर रात भर ठाकुर के दरबार में बैठा रहा प्रार्थना करता रहा सुबह मंगला आरती के दर्शन खोले तो मूर्ति सफेद रंग से काले रंग की हो गई सेनापति ने प्रणाम किया और वापस अपनी रियासत लौट गया । कभी दर्शन करेंगे तो देखते ही चमत्कृत रह जाएंगे इतनी दिव्य और भव्य मूर्ति है की आपकी नजरे दीदार करते हुए हटेगी नही । सेवायत गोस्वामी गौरव अविरल शास्त्री ने बताया ब्रज मंडल 84 कोस में मात्र एक ही ऐसा स्थान है जो गोरे ते कारे सबके चारभुजा बारे को स्थान है इनकी लीला को बहुत भक्तों ने महसूस किया है केवल एक जोड़ी वस्त्रों पर ही लोगो की मनोकामना को पूर्ण कर देते है गर्ग संहिता में वर्णन आता है बलराम जी के साथ भगवन श्री कृष्ण ने छाता में छत्र धारण किया  था इसलिए इस स्थान का नाम छत्रवन धाम पड़ा एक बार दर्शह्न करने से मन को शांति व सुखद अनुभव होता है ।

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