राजकुमार गुप्ता
मथुरा।।
वृन्दावन।कैलाश नगर रोड़-मारूति नगर क्षेत्र स्थित शांति बिहारी आश्रम में वैष्णव सेवा ट्रस्ट(रजि.) के तत्वावधान में अनन्तश्री विभूषित पटिया वाले बाबा और संत राम दास महाराज का अष्टदिवसीय सियपिय मिलन महोत्सव श्रीमहंत वैष्णवदास महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाया का रहा है।जिसके अंतर्गत श्रीराम चरित मानस पाठ,अखंड श्रीहनुमान चालीसा पाठ, श्रीहरिनाम संकीर्तन,अखंड चौबीस चौपाई पाठ एवं संत,ब्रजवासी, वैष्णव सेवा (भंडारा) आदि के कार्यक्रम हो रहे हैं।इसके अलावा संत-विद्वान आशीर्वचन समारोह में अनेकों प्रख्यात संत-विद्वान एवं धर्माचार्य अपने आशीर्वचन भक्तों - श्रृद्धालुओं को श्रवण करा रहे हैं।जिसमें अपने विचार व्यक्त करते हुए शांति बिहारी आश्रम के संस्थापक श्रीमहंत वैष्णवदास महाराज ने कहा कि हमारे पूज्य सदगुरुदेव बाबा रामदास महाराज धर्म व अध्यात्म जगत की बहुमूल्य निधि थे।उनके रोम-रोम में संतत्व विद्यमान था।संत सेवा, विप्र सेवा,गौ सेवा एवं निर्धन-निराश्रित व्यक्तियों की सेवा उनके जीवन का अभिन्न अंग था।
चतु:सम्प्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज व श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज ने कहा कि संत प्रवर बाबा राम दास महाराज संत समाज के गौरव थे।वे अत्यंत सहज, सरल, उदार व परोपकारी थे।महाराजश्री नर सेवा को ही नारायण सेवा मानते थे।वे बिना किसी की सहायता के स्वयं ही निश्वार्थ भाव से मानवता की सेवा के लिए समर्पित थे।
महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद महाराज व महामंडलेश्वर सच्चिदानंद शास्त्री महाराज ने कहा कि पूज्य बाबा रामदास महाराज निस्पृह एवं समन्वयवादी संत थे।वे सभी सम्प्रदाय के संतों का आदर करते थे,परंतु स्वयं इसकी चाह नहीं रखते थे।उन जैसी पुण्यात्माओं से ही पृथ्वी पर धर्म व अध्यात्म का अस्तित्व है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व डॉ. रमेश चंद्राचार्य महाराज ने कहा कि संत शिरोमणि बाबा राम दास महाराज ने सनातन धर्म व प्रभु भक्ति की लहर को समूचे देश में प्रवाहित कर असंख्य व्यक्तियों का कल्याण किया।ऐसे दिव्य संतों को बारंबार प्रणाम करते हैं।साथ ही प्रभु से यह मंगल कामना करते हैं कि उन जैसे संतों का सानिध्य सनातन धर्मावलंबियों को प्राप्त होता रहे।
सिंहपौर हनुमान मंदिर के महंत सुंदरदास महाराज व संगीताचार्य पंडित देवकीनंदन शर्मा ने कहा कि संत प्रवर बाबा राम दास महाराज अत्यंत चमत्कारी व भगवदप्राप्त संत थे।उन्होंने अपनी साधना व तपोबल से असंख्य दीन-दुखियों का कल्याण कर उन्हें प्रभु भक्ति के मार्ग से जोड़ा।
इस अवसर पर महंत राघवदास महाराज, संत रामसंजीवन दास शास्त्री,भागवताचार्य राजेश किशोर गोस्वामी,श्रीराम मुदगल,महंत प्रियाशरण दास,महंत किशोरी शरण भक्तमाली,युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा,तमामकृष्ण दास, डॉ. नंदकुमार आचार्य, कृष्ण मुरारी शास्त्री(नंदगांव), श्याम सुंदर शास्त्री (गोकुल), संत जयराम दास महाराज,संत देवदास महाराज आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. रमेश चंद्राचार्य महाराज ने किया।
महोत्सव में विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने