भजन गायक छोटूसिंह रावणा ने एक शाम बाण माता के नाम में बाधां समां

*अवधेश चैतन्य जी महाराज व डॉ. लक्षराज सिंह मेवाड देर रात तक रहे मौजूद*

संवाददाता रणजीत जीनगर

चित्तौड़गढ़:- मेवाड़ राजवंश की कुलदेवी दुर्ग स्थित बाण माता के नाम श्री बाणमाता सेवा संस्थान की ओर से आयोजित भजन संध्या में भजन गायक छोटूसिंह रावणा एण्ड पार्टी ने अपने भजनों एवं देशभक्ति के गीतों की प्रस्तुति से हजारों की संख्या में मौजूद श्रोताओं एवं दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। अवधेश चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज (सूरज कुण्ड) व डॉ. लक्षराजसिंह मेवाड़ के साथ ही देर रात्रि तक हजारों की संख्या में श्रोता मौजूद रहे।
ब्रह्मा चैतन्य जी महाराज व डॉ. लक्षराजसिंह मेवाड के मुख्य आतिथ्य में दुर्ग स्थित फतह प्रकाश महल प्रांगण में आयोजित भजन संध्या में भजनों के सुपर स्टार छोटूसिंह रावणा ने गणेश वंदना के साथ भक्ति संध्या की शुरूआत की। उन्होने कहा कि आज परम सौभाग्य की बात है कि नवरात्रि के मौके पर महाराणा प्रताप के वंशज के सामने इस पावन धरा पर उन्हे गाने का मौका मिल रहा है। रावणा ने अपने चिर परिचित अंदाज में ‘‘ चित्तौड़ री धरती पर थ्हारों देवरों ऐ जगदम्बा माँ’’ सुनाया तो समूचे पाण्डाल ने हाथ उठाकर बाण माता, अन्नपूर्णा माता व कालिका माता के जयकारे लगाये। रावणा ने हे माँ जननी, अंबे तू है जगदम्बै, सतगुरू आया पावणा, थ्हाने तो मनावा मां सहित एक दर्जन से अधिक बालाजी, माताजी व भैरूजी के भजनों की प्रस्तुति दी। मेवाड़ राजवंश के डॉ. लक्षराज सिंह मेवाड़ के आयोजन स्थल पर पहुंचने पर राष्ट्रवादी भजन गायक रावणा ने ‘‘पधारो जी पधारो उदियापुर, पधारो गढ़ चित्तौड़ पधारो’’ व ‘‘लक्षराज का लक्ष अटल है’’ सुनाया तो समूचा पाण्डाल मेवाड़ के जयकारों से गूंज उठा। मध्यरात्रि के पश्चात् जब रावणा ने अपने प्रसिद्ध भजन ‘‘रानी पद्मिनी अमर रहे स्वाभिमान तुम्हारा’’ सुनाया तो समूचे पाण्डाल में जोश भर गया तथा सभी जयकारे के साथ झूमने लगे।
*स्वयं बस चलाकर पहुंचे लक्षराज*
महाराणा प्रताप के वंशज डॉ. लक्षराजसिंह मेवाड़ ने देर रात्रि तक भजन संध्या में उपस्थित रहकर गायक छोटूसिंह रावणा के साथ ही देश के कोने कोने से आये श्रोताओं की हौंसला अफजाई की। ब्रह्मा चैतन्य जी महाराज के मंच पर पहुंचते ही उन्होने गुरूजी को दण्डवत प्रणाम किया तो समूचा पाण्डाल मेवाड़ के जयकारों से गूंज उठा। डॉ. लक्षराजसिंह ने इस मौके पर कहा कि वे मेवाड़ के बेटे होने के नाते मेवाड़ के लिए हमेशा तैयार है। डॉ. लक्षराज ने शहर में स्वयं मिनी बस चलाई तो हर कोई उनकी सादगी का कायल हो गया। शहर में जगह जगह हुए स्वागत के दौरान वे लोगों से बड़ी ही आत्मीयता से मिले। भजन संध्या के दौरान दर्शक उनके साथ सैल्फी लेने पहुंचे तो बड़े इत्मीनान के साथ उन्होने लोगों के साथ सैल्फी दी।
*खचाखच भर गया पाण्डाल*
शनिवार को हुई भजन संध्या में श्रोताओं की भारी भीड़ रही तथा शाम 5 बजें से ही श्रोताओं की भीड़ पाण्डाल में पहुचना प्रारंभ हो गई थी। मंच से उतर कर कई बार दर्शक दीर्घा में छोटूसिंह के पहुंचने पर वहां मौजूद उनके प्रशंसकों में रावणा के साथ सैल्फी लेने की होड सी मची रही। छोटूसिंह ने अपने भजनों एवं देशभक्ति के गीतों की प्रस्तुति से हजारों की संख्या में मौजूद श्रोताओं व दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। देर रात्रि तक बड़ी संख्या में माताएं एवं बहने भी मौजूद रही। देर रात्रि तक बही सुर सरिता में छोटूसिंह रावणा ने धर्म, आस्था और भक्ति की ज्योत जगाते हुए जयकारे लगवाये।

श्री बाणमाता सेवा संस्थान की ओर से आयोजित इस ऐतिहासिक भजन संध्या में हमीरगढ़ राव युग प्रदीपसिंह, जौहर स्मृति संस्थान की उपाध्यक्ष श्रीमती निर्मला कंवर सौलंकी, परमवीर सिंह सिन्दवड़ी, भंवरसिंह खरड़ी बावड़ी, पार्षद महेन्द्रसिंह मेड़तिया, मदन सिंह हिम्मत नगर, रमेश जी कोयम्बटूर, भिखाराम जी जणवा, गोविन्द राम जी डोम्भिवली गोविन्द शर्मा, दुर्ग पार्षद अशोक वैष्णव आदि मंचासीन रहे। इस मौके पर संस्थान की ओर से महेंद्र सिंह सामुजा, रतन जणवा, परमवीर सिंह पिपलाज, हर्षवर्धन सिंह, किशोर सीरवी, गणेश जणवा, किशन माली, दिनेश जणवा, भानु प्रताप सिंह, भानु भाई डीसा, जेठू सिंह, अनिल मालवीय, भूपेंद्र सिंह, रामसा माथानिया, रामसा धणी, विजय, लक्षित, रघुनाथ सिंह, जगदीश गहलोत, यशपाल सिंह, सतीश गहलोत, छत्रपाल सिंह, योगेश सिंह, बंटी भाऊ, सूर्या सैनी, दिलीप गिरासे, दीप सिसोदिया, जिग्नेश, केपी भाई, कांतिलाल नून, हेमेंद्र सिंह, आशीष, नरेंद्र सिंह पिपलाज, रोहित, किशन लालराई, दशरथ भाई,  हड़मत माली ने मंचासीन अतिथियों को उपरना ओढ़ाकर तथा मेवाड़ी पगड़ी धारण करा स्वागत अभिनन्दन किया गया।

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