जौनपुर। भगवान जिसका वरण करते हैं वही आ सकता है- प्रज्ञा जी

मुंगराबादशाहपुर,जौनपुर। भगवान की अहेतु कृपादृष्टि होती है तब जाकर हम येन केन प्रकरेण,संसार के समस्त प्रपंचों से मुक्त होकर भगवत शरण में आते हैं। उक्त बातें नगर के कालीजी मन्दिर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिन कथा सुनाते हुए प्रज्ञा जी ने कही।

बताते चलें कि क्षेत्र के मुंगराबादशाहपुर नगर पुरानी सब्जी मंडी मोहल्ले में स्थित सुप्रसिद्ध प्राचीन कालीजी मंदिर के प्रांगण में चैत्र नवरात्रि पर्व के अवसर पर श्रीमद्भागवत कथा प्रज्ञा जी के मुखारबिंद से  भक्तों ने श्रीमद्भागवत कथा श्रवण किया। उन्होंने कहा कि भगवान की अहेतु कृपादृष्टि होती है तब जाकर हम येन केन प्रकरेण,संसार के समस्त प्रपंचों से मुक्त होकर भगवत शरण में आते हैं। वार्ना जीव लाख प्रयास कर ले,पर कुछ न कुछ बाधा आ जाती है,जिससे वह भगवत प्रेम से दूर हो जाता है। भगवान स्वयं कहते हैं जिसका वरण करता हूं वही मेरे पास आ सकता है यदि जीव अपनी इच्छा से आना चाहे तो कभी नहीं आ सकता। भगवान कहते हैं हमारी इच्छा होती है,मैं कृपा बरसाता हूं तब जीव संसार से मुक्त होकर मेरे शरण में आता है और भगवान की ही कृपा बरसती है तो ही हम उनका गुणगान गायन करते हैं।

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