राजकुमार गुप्ता
वृन्दावन।रामनवमी के पावन पर्व पर इंदौर की प्रख्यात साहित्यिक संस्था "अखंड संडे" के तत्वावधान में लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार डॉ. अनुराधा शर्मा के काव्य संग्रह "सुख-दु:ख, तुम और मैं" का ऑनलाइन लोकार्पण ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। समारोह के अध्यक्ष मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे व विशिष्ट अतिथि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की अपर परीक्षा नियंत्रक श्रीमती सपना शिवाले सोलंकी थीं।संचालन अखंड संडे के संचालक व वरिष्ठ साहित्यकार मुकेश इंदौरी ने किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि इस संग्रह की कविताओं में समाज में व्याप्त विसंगतियों, प्रकृति एवं जीवन के वास्तविक स्वरूप का सुंदर वर्णन व सूक्ष्म विवेचन किया गया है।इन कविताओं में हिंदी उर्दू एवं अंग्रेजी शब्दों की त्रिवेणी का सुंदर समावेश है।
लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने कहा कि हमें अपने सुख के क्षणों में भी दुख को नहीं भूलना चाहिए और ये काम केवल साहित्यकार और कलाकार ही कर सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की अपर परीक्षा नियंत्रक श्रीमती सपना शिवाले सोलंकी ने कहा कि इस कविता संग्रह में जीवन मूल्यों के प्रति सजग करती 95 कविताएँ हैं।कृतिकार डॉ. अनुराधा शर्मा ने कहा है कि "बूँद भर कविता महासागर से मिली है उसे जीवित रखने का प्रयास ही मेरा काव्य सृजन है"।
लोकार्पण समारोह के संयोजक व संचालक मुकेश इन्दौरी ने कहा कि इस संग्रह की रचनाओं में जीवन के सुखक् और दुख के विविध रंगों का समावेश है, जो कि हमें प्रेरणा देते हैं कि हमें सुख दुख के हर रंग में रंगकर जीवन को आनंद उत्सव के साथ जीना है।
इस समारोह का शुभारंभ प्रख्यात संत महामंडलेश्वर दादू महाराज ने मां सरस्वती के चित्र पट समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश मराठी अकादमी के सह-सचिव कीर्तिश धामारीकर शास्त्री, छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व उप संचालक (सूचना व जनसंपर्क) टी. पी. त्रिपाठी, डॉ. रवीन्द्र नारायण पहलवान, बाल साहित्यकार रमेश गुप्त "मिलन", वरिष्ठ पत्रकार अनिल त्रिवेदी, वीनू जमुआर, रविन्द्र बांच्युजी, डॉ. साधना देवेश, डॉ. कला जोशी, डॉ. पदमा सिंह, डॉ. योगेन्द्र नाथ शुक्ल, संध्या जैन,प्रदीप नवीन, सुषमा जुल्का, चंद्र किरण अग्निहोत्री, कार्तिकेय त्रिपाठी "राम", शिल्पा खरगोनकर व मनीष खरगोनकर आदि की उपस्थिति विशेष रही।
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