पॉस मशीन को खामियों का ‘नशा’, शराब दुकानों में लड़खड़ा रही व्यवस्था

आबकारी नीति को पारदर्शी बनाने के लिए शुरू की गई पॉस मशीन की व्यवस्था फेल होती नजर आ रही है। सिस्टम को हाईटेक करने के लिए भले ही शराब की दुकानों पर पॉस मशीन दी गई हो, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। मशीन को खामियों का ”नशा” है और व्यवस्था लड़खड़ाई …

       गिरजा शंकर विद्यार्थी ब्यूरों
अंबेडकर नगर।  आबकारी नीति को पारदर्शी बनाने के लिए शुरू की गई पॉस मशीन की व्यवस्था अंबेडकरनगर जनपद में फेल होती नजर आ रही है। सिस्टम को हाईटेक करने के लिए भले ही शराब की दुकानों पर पॉस मशीन दी गई हो, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। मशीन को खामियों का ”नशा” है और व्यवस्था लड़खड़ाई हुई है। यही वजह है कि नीति कारगर नहीं होती दिख रही। कहीं नेटवर्क की समस्या तो कहीं सांझ ढलते ही शराब की दुकानों पर खरीदारों की बढ़ती भीड़ से सिस्टम धराशायी हो जाता है।टीम की जांच में हकीकत सामने आई। कहीं पर नेटवर्क की समस्या इस व्यवस्था में बाधा नहीं बनती दिखी तो कहीं पर लोगों की अचानक बढ़ती भीड़ से सिस्टम काम नहीं कर रहा यह गलत है। ऐसे में जिस मंशा के साथ इसकी शुरुआत की गई, वह साकार नहीं होती दिख रही है। जनपद की हर दुकानों पर मैनुअल शराब दी जाती है। इसका प्रमाण स्वयं जाकर अपने आप स्वयं अपनी आंखों से देख सकते हैं।

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