लखनऊ : 06 मार्च, 2023
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी जी के देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद किसान सरकार के एजेण्डे का हिस्सा बनें हैं तथा किसानों को ईमानदारी से शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री जी ने किसानों के कल्याण के लिए स्वॉयल हेल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री किसान बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, कृषि लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य उपलब्ध कराने के साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ सभी किसानों को प्रदान कराने का कार्य किया है। उत्तर प्रदेश के 02 करोड़ 60 लाख अन्नदाता किसानां के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से पिछले साढ़े तीन वर्षों में 51 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि उपलब्ध करायी गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर प्रदेश की सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में स्थापित फार्म मशीनरी बैंकों हेतु 77 टै्रक्टर को हरी झण्डी दिखाकर रवाना करने के बाद, इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसान की कोई जाति, मत अथवा मजहब नहीं होता है। अन्नदाता किसान समय पर बीज, खाद, पानी, तकनीक तथा समय पर अपनी उपज का उचित दाम चाहते हैं। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश के किसानों को पानी तथा बिजली की सुविधा नहीं मिलती थी। सिंचाई बुनियादी सुविधा है, इसके बावजूद अनेक सिंचाई परियोजनाएं दशकों से लम्बित थीं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के समयबद्ध क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप हमारी सरकार ने प्रदेश में लगभग 22 लाख हेक्टेयर भूमि पर अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी है।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश की गन्ना समितियों को किसानों की सुविधा के लिए 77 टै्रक्टर उपलब्ध कराने के कार्य के लिए गन्ना विभाग की टीम को बधाई देते हुए कहा कि सरकार के अभी 06 वर्ष पूरे नहीं हुए हैं, आज उत्तर प्रदेश में एक नया रिकॉर्ड भी बन रहा है। एक नई उपलब्धि गन्ना विभाग के साथ जुड़ रही है। होली के एक दिन पहले, विगत लगभग 06 वर्षां में प्रदेश के गन्ना किसानों को किये गये गन्ना मूल्य की भुगतान राशि आज 02 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी। देश के अनेक राज्यों का वार्षिक बजट भी 02 लाख करोड़ रुपये का नहीं है और उत्तर प्रदेश में सरकार अपने अन्नदाता किसानों की मेहनत और उनके पुरुषार्थ का पैसा डी0बी0टी0 द्वारा एस्क्रो एकाउण्ट के माध्यम से उनके खातों में भेजने का काम कर रही है। प्रदेश की लगभग 105 चीनी मिलें 10 दिन में गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं। शेष 14-15 चीनी मिलों द्वारा भी समयबद्ध ढंग से भुगतान किये जाने के लिए सरकार बल दे रही है। प्रदेश सरकार का 14 दिन में गन्ना मूल्य भुगतान का लक्ष्य है। शीघ्र ही हम उस दिशा में आगे बढ़ जाएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लागू होने के बाद अन्नदाता किसान प्रति हेक्टेयर 10 टन अतिरिक्त गन्ना उत्पादन करने में सफल हुआ है। प्रदेश में 08 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि पर गन्ने की खेती का दायरा बढ़ा है। प्रदेश में बन्द पड़ी चीनी मिलों को चलाया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी की कर्मभूमि रमाला की चीनी मिल आज मजबूती से चल रही है। डबल इंजन की सरकार ने जनपद बस्ती के मुण्डेरवा तथा जनपद गोरखपुर के पिपराइच में नई चीनी मिलें स्थापित की हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना कालखण्ड में जब देश व दुनिया की चीनी मिलें बन्द थी, तब प्रदेश में 119 चीनी मिलें चलायी जा रही थी। किसानां तथा इण्डस्ट्री के मध्य बेहतर संवाद द्वारा संकट के समय एक दूसरे के सहयोग से चीनी मिलों में गन्ने की पेराई हुई तथा गन्ना मूल्य का भुगतान भी हुआ। सरकार ने यह कहा कि जब तक किसान के खेत में गन्ना होगा, तब तक चीनी मिलें चलेंगी। चीनी मिल मालिकों ने इस कार्य में अपना सहयोग प्रदान किया। कोरोना काल में सप्लाई चेन बाधित होने का खतरा था। गन्ना विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री संजय आर0 भूसरेड्डी ने सप्लाई चेन बन्द नहीं होने दी, जहां जो भी आवश्यकता पड़ी वह उपलब्ध कराई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश के सभी नगर निगमों को निःशुल्क सैनिटाइजर उपलब्ध कराया गया। 27 राज्यों में सैनिटाइजर की आपूर्ति की गई। हमारी सरकार ने गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान किया। समय पर धान तथा गेहूं का क्रय किया गया। इस वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य भी बढ़ा दिया गया है। सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर उनकी उपज बाजार में बेचने के लिए मजबूर नहीं होने देगी। आलू के लिए भी सरकार व्यवस्था बनाने जा रही है। खाण्डसारी उद्योग के लिए अब तक 284 से अधिक लाइसेंस जारी किये जा चुके हैं। यह खाण्डसारी उद्योग रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। इनके माध्यम से किसानों को अपना गन्ना बेचने की अतिरिक्त सुविधा मिली है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गन्ना किसानों के पुरुषार्थ से उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक एथेनॉल उत्पादन करने वाला राज्य है। इसका भविष्य बहुत उज्ज्वल है। एथेनॉल का प्रयोग डीजल और पेट्रोल में किया जा रहा है। इसके माध्यम से ग्रीन ईंधन उपलब्ध कराने का कार्य हमारे गन्ना किसान कर रहे हैं। अब हमारे देश का पैसा पेट्रो डॉलर के रूप में बाहर नहीं जाएगा। आज प्रदेश देश में चीनी तथा गन्ना उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। आज चीनी की रिकवरी बढ़ी है। किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज उपलब्ध कराये जा रहे हैं। तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। आज किसान परम्परागत खेती से मैकेनाइज्ड फार्मिंग की ओर जा रहे हैं। इसके परिणाम भी सभी को देखने को मिल रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सहफसली खेती कई गुना आय बढ़ाने का माध्यम है। एफ0पी0ओ0 का गठन इसी दिशा में किया गया है। गन्ना के साथ सहफसली व्यवस्था से खेत की उर्वरता भी बनी रहती है। हमें टिश्यू कल्चर तकनीक, ड्रिप एरिगेशन तथा सहफसली को अपनाना होगा। इससे हमारा मुनाफा कई गुना बढ़ सकेगा। बहुत से प्रगतिशील किसान इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। जनपद बिजनौर के एक किसान द्वारा गन्ने से सिरका बनाकर उसकी पैकिंग तथा मार्केटिंग कर बिक्री की जा रही है। यह दिखाता है कि हमारे किसान मेहनत करके कई गुना मुनाफा कमा सकते हैं। इस दिशा में अपने प्रयासों को आगे बढ़ाना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गन्ना विभाग ने बहुत से रिफॉर्म किये हैं। आज तकनीक का प्रयोग करते हुए किसानों के स्मार्टफोन पर पर्ची आ जाती है। घटतौली को रोका गया है। किसान खुशहाल हुए हैं। हमें किसानों और उद्योगों के हित के लिए प्रयास करने चाहिए। आज चीनी मिलें लाखों टन गन्ने की पेराई करने के साथ ही, एक कॉम्प्लेक्स में बदल चुकी हैं। इनमें बिजली तथा एथेनॉल का उत्पादन हो रहा है। डिस्टलरी लग रही हैं। गोरखपुर की पिपराइच चीनी मिल से फाइन शुगर बनायी जा रही है। दुनिया मे इसकी बड़ी मांग है। फार्मा उद्योग चीनी मिलों के बगैर नहीं चल सकता है। यह सभी कार्य प्रदेश में एक कॉम्प्लेक्स के रूप में हैं। यह प्रदेश की बड़ी उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चीनी उद्योग उत्तर प्रदेश का सबसे पुराना उद्योग है और हम सब मिलकर इसे मजबूती के साथ आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। प्रदेश की चीनी मिलों की 120 वर्षों की शानदार यात्रा गन्ना किसानों के पुरुषार्थ तथा सहयोग से सफल हो पायी है। इस सम्बन्ध में विगत दिनों आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें भाग लेने का अवसर मिला था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज जिन सहकारी समितियों को 77 टै्रक्टर उपलब्ध हो रहे हैं, वे सभी शासन की मंशा के अनुरूप प्रदेश के गन्ना उत्पादक किसानों के जीवन में खुशहाली लाने का कार्य करेंगे। होली की पूर्व संध्या पर किसानों को यह उपहार मिलना उनके आनन्द को कई गुना बढ़ा देगा। फार्म मशीनरी बैंक की मशीनरी में से कुछ पराली को मिट्टी के साथ मिक्सअप करके खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में बड़ी भूमिका का निर्वहन कर सकती हैं। इसके माध्यम से एक प्रकार का कम्पोस्ट खेत को उपलब्ध हो जाएगा। एक अच्छा प्रयास इस दिशा में प्रारम्भ हुआ है। मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के सभी अन्नदाता किसानों तथा प्रदेशवासियों को होली की शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास राज्यमंत्री श्री संजय सिंह गंगवार, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास श्री संजय आर0 भूसरेड्डी, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, निदेशक सूचना श्री शिशिर सहित वरिष्ठ अधिकारीगण एवं किसान उपस्थित थे।
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