उतरौला के मोहल्ला रफी नगर स्थित बाबा हज़रत ख्वाज़ा हसन जैनुल्लाह शाह शफी का 122वां तीन दिवसीय सालाना उर्स का आगाज़ शुक्रवार सुबह मज़ार शरीफ के गुश्ल के साथ हुआ। दोपहर लंगर खानी में भारी संख्या में जायरीनों व अकीदतमंदों ने लंगर खाया।
दोपहर बाद कमेटी अध्यक्ष महफूज़ गनी के ज़ेरे कयादत में मज़ार शरीफ से गागर व चादर का जुलूस निकाला गया। गागर व चादर का जुलूस दरगाह से निकलकर हाटन रोड के रास्ते शाहजहानी शाह रहमतुल्लाह अलैही की दरगाह पहुंचा, जहां अकीदतमंदों ने चादरपोशी की। वहां से रजया हरनीडीह से होकर बाबा मलंग शाह की मजार पर पहुंचा। बाबा मलंग शाह के मजार पर चादरपोशी की गई। गागर व चादर का जुलूस आगे बढ़ता हुआ श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहा व नगर के मुख्य मार्ग से होता हुआ राजा बाजार के सामने वाली गली से वापस बाबा ख्वाजा हसन जैनुल्लाह शाह शफी की मज़ार पर पहुंचा। चादर पोशी करने के बाद मजार शरीफ पर फातिहां पढ़कर देश में अमन-चैन की दुआ कर पहले दिन कार्यक्रम सम्पन्न किया। जुलूस में बच्चे, नौजवान, बुजुर्ग समेत भारी संख्या में अकीदतमंदों ने शिरकत किया। कमेटी अध्यक्ष महफूज गनी ने बताया कि शुक्रवार रात को ही तकरीरी प्रोग्राम का आयोजन किया गया है। जिसमें शहर सहित बाहरी नात खान नात पढ़ेगे और मुकर्रिर इस्लाही तकरीर करेंगे। जुलूस में कमेटी सदस्य मंजूर कुरैशी, तफ्ज्जुल हसन,तजम्मुल हसन, जावेद आलम, अयूब हाशमी, करीम, अरबाज, साबिर, समीर, आरजू, मैनुद्दीन, रहीमुल हसन, सद्दाम हाशमी समेत भारी संख्या में अकीदतमंद मौजूद रहे।
असगर अली
उतरौला
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