उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी तथा केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज जनपद गोरखपुर के महन्त दिग्विजयनाथ पार्क में आयोजित कार्यक्रम में 10,000 करोड़ रुपये की लागत की 18 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें 12 परियोजनाओं का शिलान्यास तथा 06 परियोजनाओं का लोकार्पण शामिल है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी तथा केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने ग्रीन कॉरिडोर के मॉडल का निरीक्षण किया। लोकार्पित एवं शिलान्यास की गईं सभी परियोजनाएं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन0एच0ए0आई0) की हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर का एक मजबूत ढांचा हम सबको नजर आ रहा है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन को है, तो इसके शिल्पी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, भारत सरकार श्री नितिन गडकरी हैं। उन्होंने कहा कि देश में जिस मजबूती के साथ हाईवे का निर्माण हुआ है, राजमार्गों के निर्माण के लिए पिछले 09 वर्षां में जिस तीव्र गति से कार्य हुआ है, उसने भारत के विकास की रफ्तार को एक ऊँचाई तक पहुंचाया है।
आज पूरी दुनिया इस बात पर अचंभित है कि सदी की सबसे बड़ी महामारी के बावजूद भारत दुनिया की तेजी के साथ उभरती हुई सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, इसका एक कारण मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर है। प्रधानमंत्री जी एवं केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री जी ने उत्तर प्रदेश को भरपूर मदद दी है। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री जी ने गत दिनों जनपद बलिया में 7,000 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया है। आज गोरखपुर में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण का कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा है। इन परियोजनाओं को पूर्ण करने में राज्य सरकार हर सम्भव सहयोग के लिए संकल्पबद्ध है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश का यह क्षेत्र अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन का केन्द्र बिन्दु भी है। भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर से लेकर उनके बचपन की स्थली कपिलवस्तु और श्रावस्ती को जोड़ने का कार्य हो रहा है। रामजानकी मार्ग को 4-लेन कर केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री जी ने रामायण काल से सम्बन्ध जोड़ने का अभिनव प्रयोग किया है। अयोध्या छावनी से लेकर सीतामढ़ी, जनकपुर तक 4-लेन की सौगात विरासत का संरक्षण और सम्मान है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े महानगर में से एक गोरखपुर जो पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर बिहार, नेपाल की तराई की एक बड़ी आबादी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और व्यवसाय का एक प्रमुख केन्द्र है, उसे एक नये बाईपास की सौगात दी जा रही है।
बलरामपुर, उस्का बाजार, शोहरतगढ़, बस्ती, संतकबीरनगर, महराजगंज सहित विभिन्न कस्बों में हो रहे सड़क एवं बाईपास निर्माण से प्रदेश का इन्फ्रास्ट्रक्चर सुदृढ़ होगा। इन्फ्रास्ट्रक्चर उत्तर प्रदेश में व्यापक निवेश की सम्भावनाओं को आगे बढ़ा रहा है। प्रदेश में यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन निवेश प्रस्तावों के माध्यम से 01 करोड़ नौजवानों को प्रदेश में ही नौकरी और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। प्रदेश के नौजवानों को कहीं पलायन करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, भारत सरकार श्री नितिन गडकरी ने इस अवसर पर कहा कि जब दुर्जन लोग अन्याय व अत्याचार करेंगे, तो कहीं न कहीं ऐसी शक्ति आगे आएगी, जो दुर्जनों को सर्वनाश करेगी, यही समाज की अपेक्षा है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री जी ने सज्जनों के रक्षार्थ तथा दुर्जनों के दमन के लिए कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री जी के शासन में लोगों के दिलां में आत्म विश्वास पैदा हुआ है।
उत्तर प्रदेश के रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर को अमेरिका के बराबर करेंगे और इसके लिए प्रयास शुरू हैं। वर्ष 2014 में प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग की लम्बाई 7643 कि0मी0 थी। वर्ष 2023 में यह बढ़कर 13,000 कि0मी0 हो गई है। अभी तक 60,000 करोड़ रुपये की लागत से 5,000 कि0मी0 का कार्य पूरा किया गया है। करीब 02 लाख 30 हजार करोड़ रुपये के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। वर्ष 2024 के समाप्त होने तक उत्तर प्रदेश में 05 लाख करोड़ रुपये तक का सड़क निर्माण कार्य कर लिया जाएगा।
हम निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश की बदलती हुई तस्वीर को देख रहे हैं। प्रदेश में बड़े पैमाने पर हो रहे इन्वेस्टमेण्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश हिन्दुस्तान का सुखी, समृद्ध और सम्पन्न राज्य बनेगा। उन्होंने कहा कि अलीगढ़, मिर्जापुर, झांसी, मुरादाबाद, बरेली के लिए रिंग रोड स्वीकृत की गई हैं। 14 हजार करोड़ रुपये की लागत से नेपाल के साथ कनेक्टीविटी का सुधार किया जा रहा है।
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने घोषणा की कि लगभग 1,000 करोड़ रुपये की लागत से 13 स्थानों-गोरखपुर, वाराणसी, चन्दौली, जौनपुर, प्रयागराज, आजमगढ़, कानपुर देहात, लखनऊ, सीतापुर, बरेली, शाहजहांपुर और मुरादाबाद में आर0ओ0बी0 का निर्माण कराया जाएगा। दिल्ली एयरपोर्ट से डी0एन0डी0, फरीदाबाद, बल्लभगढ़ बाईपास और जेवर एयरपोर्ट तक 3000 करोड़ रुपये की लागत से 32 कि0मी0 6-लेन रोड का निर्माण शीघ्र प्रारम्भ हो जाएगा।
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट को दिशा मिली है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और गंगा एक्सप्रेस-वे दोनों की कनेक्टिविटी और मेरठ-बुलन्दशहर के मार्ग पर 300 करोड़ रुपये की लागत से 08 कि0मी0 का स्पर बनाएंगे। गाजीपुर से बलिया होते हुए मांझी घाट तक 5320 करोड़ रुपये की लागत से 134 कि0मी0 4-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की स्वीकृति दे दी गई है।
प्रयागराज में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए प्रयागराज से कानपुर तक 2107 करोड़ रुपये की लागत से 145 कि0मी0 6-लेन मार्ग का निर्माण मई 2023 में हो जाएगा। रायबरेली, जगदीशपुर, अयोध्या 4-लेन 2600 करोड़ रुपये की लागत से 107 कि0मी0 का निर्माण, जुलाई 2023 तक हो जाएगा। लखनऊ से वाराणसी 4-लेन सड़क का निर्माण लगभग 8850 करोड़ रुपये की लागत से 268 कि0मी0 4-लेन सड़क निर्माण हो रहा है, यह कार्य अप्रैल 2023 तक हो जाएगा।
प्रयागराज ग्रीनफील्ड इनर रिंग रोड 7000 करोड़ रुपये की लागत से बनायी जा रही है। रायबरेली-प्रयागराज 2400 करोड़ रुपये की लागत से 105 कि0मी0 की 4-लेन चौड़ीकरण मार्ग का निर्माण अप्रैल 2023 में पूरा हो जाएगा। गोरखपुर से वाराणसी तक 9000 करोड़ रुपये की लागत से 104 कि0मी0 4-लेन मार्ग मई 2023 तक पूरा हो जाएगा। दोहरीघाट में 11 कि0मी0 बाईपास और घाघरा नदी पर 1.3 कि0मी0 के पुल का कार्य दिसम्बर 2023 तक पूरा हो जाएगा। प्रयागराज-आजमगढ़-गोरखपुर 4-लेन सड़क का 10,000 करोड़ रुपये की लागत से 234 कि0मी0 मार्ग का निर्माण हो रहा है।
प्रतापगढ़ से सुल्तानपुर तक 44 कि0मी0, सुल्तानपुर से गोण्डा तक 2000 करोड़ रुपये की लागत से 97 कि0मी0 की 4-लेन सड़क का डी0पी0आर0 मई 2023 तक पूर्ण हो जाएगा। उत्तर प्रदेश में 41,000 करोड़ रुपये की लागत से 40 रिंग रोड और बाईपास के निर्माण की स्वीकृति दे दी गयी है। अलीगढ़, मिर्जापुर, झांसी, मुरादाबाद तथा बरेली के रिंग रोड को पूर्ण किया जा चुका है। बाराबंकी से नेपाल सीमा तक 3,000 करोड़ रुपये की लागत से 150 कि0मी0 सड़क का निर्माण दिसम्बर 2023 तक पूरा हो जायेगा।
उत्तर प्रदेश में 10 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे और इण्डस्ट्रीयल कॉरिडोर 01 लाख 38 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाए जाएंगे। गोरखपुर-सिलीगुड़ी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे 520 कि0मी0 मार्ग का कार्य शीघ्र शुरू हो जाएगा। गोरखपुर-शामली 840 कि0मी0 ग्रीनफील्ड रोड का डी0पी0आर0 बनने वाला है। वाराणसी-हावड़ा 620 कि0मी0 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का कार्य शीघ्र शुरू हो जाएगा। वाराणसी-औरंगाबाद इकोनॉमी कॉरिडोर को स्वीकृति दे दी गई है, जो वाराणसी और बिहार से गुजरेगा। कानपुर से लखनऊ तक का मार्ग निर्माण कार्य चल रहा है, जो मई 2024 तक पूर्ण हो जाएगा।
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि किसान अन्नदाता होने के साथ-साथ ऊर्जादाता भी बनेगा। गोरखपुर में पेट्रोल से चलने वाली बाइक, ऑटो रिक्शा आदि शीघ्र एथेनॉल से चलेगी, जिससे लोगों के पैसे की बचत होगी। एथेनॉल, पेट्रोल से आधी कीमत पर मिलेगा और इससे प्रदूषण भी कम होगा। आने वाले समय में एथेनॉल, मेथेनॉल, बायोडीजल, बायो एल0एन0जी0, बायो सी0एन0जी0, ग्रीन हाईड्रोजन और इलेक्ट्रिक वेहिकल की क्रान्ति आएगी। प्रदेश के विकास के लिए ऑटोमोबाइल्स इण्डस्ट्री का होना जरूरी है। आटोमोबाइल्स इण्डस्ट्री से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला है। सबसे अधिक जी0एस0टी0 आटोमोबाइल्स इण्डस्ट्री से प्राप्त होती है। ऑटोमोबाइल इण्डस्ट्री उत्तर प्रदेश में आएगी, तो रोजगार के अवसर के साथ-साथ प्रदेश में समृद्धि भी आएगी।
इस अवसर पर मत्स्य मंत्री डॉ0 संजय निषाद, सांसद श्री रविकिशन सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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